वाराणसी – सनसनीखेज डबल मर्डर का सफल खुलासा, संपत्ति की लालच बनी दो हत्याओ का कारण, आलाकत्ल के साथ 3 गिरफ्तार

तारिक आज़मी

वाराणसी/ शुक्रवार की वह सुबह एक खौफ की सिहरन पैदा करने वाली थी, जब अहले सुबह ही पुलिस को रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर में दोहरे हत्याकांड की जानकारी मिली। हिस्ट्रीशीटर हरेन्द्र सहित एक महिला की उस महिला के घर में ही गोली मार कर हत्या कर दिया गया था। स्थानीय थाना के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर फील्ड यूनिट व डाँग स्क्वाड को भी लगाया गया। बीच गांव में हुए सनसनीखेज हत्याकांड से पूरा गांव स्तब्ध था व इस घटना को लेकर आमजन में काफी रोष भी व्याप्त हो गया था।

इस सनसनीखेज और दुःसाहसिक दोहरे हत्याकांड के अनावरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाराणसी द्वारा पुलिस अधीक्षक (अपराध) ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मार्तण्ड प्रताप सिंह व क्षेत्राधिकारी (सदर) सत्येन्द्र तिवारी के नेतुत्व में टीम गठित की गयी थी। घटना के अनावरण में लगी टीमों द्वारा अन्वेषण करने के उपरान्त यह तथ्य प्रकाश में आया था कि मृतका रूचि सिंह का जमीनी विवाद अपने चचेरे देवर प्रकाश सिंह से काफी दिनों से चल रहा था। आये दिन जमीन को लेकर विवाद होते रहते थे। रूचि सिंह के पति की मृत्यु के उपरान्त उसके अवैध सम्बन्ध गांव के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर हरेन्द्र शर्मा से हो गये थे। हरेन्द्र शर्मा एक दबंग अपराधी था।

मृतका रूचि सिंह के जमीन की देखभाल हरेन्द्र शर्मा द्वारा किया जाने लगा, जिससे मृतक हरेन्द्र शर्मा व प्रकाश सिंह के मध्य भी कई बार कहासुनी हुई थी। घटना के एक दिन पहले ही रूचि ने अपने चचिया ससुर की जमीनों पर कब्जा करने के लिए मृतक हरेन्द्र शर्मा के साथ जमीन जोत लिया गया था। पूर्व में प्रकाश सिंह द्वारा अपने हिस्से व विवादित जमीनों का सट्टा भी दिलीप सिंह उर्फ बासू से पांच करोड में कर दिया था, जिसके कब्जे को लेकर भी दोनों पक्षों में तनाव था।

आज ज़रिये मुखबिर सुचना पर घटना में शामिल तीन अभियुक्तों क्रमशः जय प्रकाश सिंह उर्फ प्रकाश पुत्र स्व0 भुवाल सिंह निवासी जगतपुर थाना रोहनिया वाराणसी, सोहन सिंह पुत्र सुभाष सिंह निवासी गंगापुर थाना रोहनिया वाराणसी और विनोद कुमार सिंह पुत्र स्व0 केवला प्रसाद सिंह निवासी ग्राम भैंसा थाना कछवां जनपद मीरजापुर को हिरासत में ले लिया गया। अभियुक्तों ने पूछताछ में घटना को किया जाना स्वीकार किया और बताया कि जगतपुर गांव में जय प्रकाश के चाचा व परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन है, जिनका कोई वारिस नहीं था। उनकी जमीन की कब्जेदारी को लेकर मृतका रूचि सिंह व प्रकाश में विवाद चल रहा था। उक्त जमीन को प्रकाश सिंह द्वारा अपने चाचा की जमीन का सट्टा दिलीप सिंह उर्फ बासू को कर दिया गया था। उक्त जमीन को मृतका रूचि सिंह व मृतक हरेन्द्र शर्मा द्वारा कब्जा नहीं करने दिया जा रहा था।

चूंकि प्रकाश द्वारा विनोद सिंह व सोहन को भी पैसा देने का लालच दिया गया था कि उक्त जमीन के कब्जा होने पर जो पैसा मिलेगा उसमें से आप लोगों को भी हिस्सा दिया जायेगा। यह बात जब मृतका रूचि सिंह व मृतक हरेन्द्र सिंह को पता चली तो उनके द्वारा उक्त सट्टे की जमीन को जबरी जोतवा लिया गया। इस घटना के बाद सट्टा करने वाले बासु ने कब्ज़े के बाद ही पैसे देने की बात कही। उक्त जमीन को कब्जा करने के लिए प्रकाश, सोहन, विनोद सिंह व दिलीप सिंह उर्फ वासू द्वारा उनको राह से हटाने के लिए हत्या की योजना बनायी गयी।

आरोपियों ने बतया कि योजनानुसार दिलीप सिंह उर्फ वासू सिंह ने प्रकाश व सोहन को अपने घर बुलवाकर एक अदद पिस्टल 30 बोर व 05 अदद जिन्दा कारतूस 30 बोर व 25000/- रूपये नगद देते हुए बोले कि मैं आज बैंगलोर निकल जाउंगा तुम लोग मिलकर रूचि व हरेन्द्र की हत्या कर देना। यह भी बोला था कि यह 30 बोर की पिस्टल है जो जल्दी मिलती नहीं है। पूरी योजना में प्रकाश के मौसा विनोद सिंह भी शामिल रहे। दिलीप उर्फ वासू ने कहा कि हम पैसा खर्च करके तुम लोगों को बचा लेंगे। उसी दिन प्रकाश अपनी पत्नी को लेकर अपनी मां से मिलने वाराणसी के पहड़िया आता है। तभी शाम को सोहन ने फोन करके बताया कि सट्टे वाली जमीन को मृतका रूचि सिंह व मृतक हरेन्द्र सिंह ने जबरी जोतवा लिया है।

इस जानकारी के बाद सोहन भी पाण्डेयपुर आ गया और यहीं पर प्रकाश व सोहन ने हरेन्द्र व रूचि की हत्या की योजना बना लिया। योजनानुसार प्रकाश, सोहन व विनोद सिंह गांव में ही मिले। रात्रि में दीवार फांदकर रूचि सिंह के घर में दाखिल हुए तो देखा कि हरेन्द्र शर्मा फोल्डिंग चारपाई पर व रूचि सिंह अलग चारपाई पर आंगन में सो रहे थे। पहले प्रकाश ने हरेन्द्र शर्मा की कनपटी में गोली मारी, आवाज़ सुनकर रूचि सिंह जगी तो रूचि की चारपाई के पास पहले से खडे़ सोहन व विनोद ने उसका पैर पकड़ लिया। फिर प्रकाश ने रूचि को भी कनपटी में गोली मार दिया।

घटना में शामिल आरोपियों ने बताया कि घटना के समय छत पर ही चाचा लक्ष्मीनरायन व रूचि की बेटी सोई थी। फायरिंग की आवाज सुनकर वह उठे परन्तु कुछ बोले नहीं। हम लोग जिस तरह दीवार फांदकर अन्दर आये थे, वहीं से कूदकर भाग गये थे। सबेरे प्रकाश ने गांव के कुछ लोगों से यह कहा कि प्रेमी प्रेमिका ने आत्महत्या कर लिया है यह बात पूरे गांव में फैला दो।

घटना में शामिल तीनो आरोपियों को पुलिस ने अपराध संख्या 364/19 धारा 302/34/120बी आईपीसी में बुक कर दिया है। घटना में प्रयुक्त आला क़त्ल आरोपियों की निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है। घटना के अनावरण और गिरफ़्तारी में प्रमुख रूप से विक्रम सिंह प्रभारी इण्टेलीजेंस विंग, उ0नि0 प्रदीप सिह, हे0का0 सुमन्त सिंह, पुनदेव सिंह, धनश्याम वर्मा, रामभवन, सुरेन्द्र मौर्य, का0 रामबाबू, कुलदीप, चन्द्रसेन, के साथ थाना रोहनिया के प्रभारी निरीक्षक परशुराम त्रिपाठी, व0उ0नि0 महमूद आलम अंसारी, उ0नि0 सुरेश कुमार सिंह, उ0नि0 गौवर पाण्डेय, उ0नि0  इन्दुकांत पाण्डेय, उ0नि0 अभिषेक राय, कां0 सुरेन्द्र यादव, कां0 पियूष कुमार, कां0 प्रफुल्ल पाण्डेय, कां0 योगेन्द्र बहादुर सिंह, कां0 राम सिंह कां0चा0 नरेन्द्र यादव शामिल रहे।

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