मानवीय संवेदना के प्रतीक आफताब आलम के जज़्बे को सलाम
सुहैल अख्तर
वहां इलाज के दौरान ही उन्होंने परिवार वालो को फ़ोन कर इस दुर्घटना जानकारी दी और डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवाई को स्वयं खरीद कर लाये ।अस्पताल के डॉक्टरों ने भी यह जानने के बाद की एक समाचार पत्र के फोटोग्राफर है अपनी रहमदिली दिखाई और अपने पास से ही दवाई का पैसा देने लगे लेकिन आफताब ने पैसा नही लिया। इस दौरान घायल रामविलास (40 वर्ष) निवासी हमीदपुर, थाना- घोसी एवं उनकी बुआ श् उरई देवी (70 वर्ष)निवासी दरगाह,थाना-मधुबन के परिजन भी अस्पताल पहुँच गए परिजनों ने अस्पताल आते ही आफताब आलम का शुक्रिया अदा कर ढेर सारा आशिर्वाद दिया। आफताब आलम के इस सराहनीय कार्य से प्रसन्न होकर अस्पताल के चिकित्सकों ने भी उनकी खूब सराहना की। जानकारी होते ही नगर एवं आस पास के पत्रकार, बुद्धजीवी एवं सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओ ने आफताब आलम व उनके साथी साहब खान की इस मानवीय कार्य की सराहना करते हुए युवा पीढ़ी को सीख लेने की अपील की और कहा कि ऐसे लोग मानवता के जीवित उदाहरण हैं।