तेज तुफान से दहला लखीमपुर खीरी
फारुख हुसैन
लखीमपुर (खीरी)/ वो कहते हैं की प्रक्रति जब अपनी शराफत को गुस्से में बदलता है तो वह कभी खतरनाक बाढ़ के रूप में अपनी नाराजगी जाहिर करता है तो कभी आग की और कभी वह तुफान के रूप में अपना कहर बरपता है। इसी तरह से एक बार फिर प्रक्रति ने अपना जमकर कहर बरपना शुरू कर दिया है। जिस तरह से प्रक्रति से हम लगातार खिलवाड़ कर रहें हैं जहां प्रथ्वी भारी मात्रा में घने जंगल हुआ करते थे, और प्रथ्वी पर लगभग सत्तर प्रतिशत पानी हुआ करता था, लेकिन अब वही हमने लालच वश जंगलों का विनाश करते चले गये।
मतलब उनको काटते चले गये और उसकी जगह पर कंकरीट के जंगलों का खड़ा करते गये। पहाड़ों का सीना चीरकर उसमें रास्ते निकालते गये और उनको समतल करते गये और अब उसी का नतीजा है जो अब प्रथ्वी पर पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। कभी तुफान कभी बाढ़ तो कभी आग कभी भूस्खलन और इसी तरह से प्रक्रति का कहर आये दिन शुरू हो गया है और यदि इसी तरह से हमने अपने लालच को कम नहीं किया तो एक दिन ऐसा आयेगा कि प्रक्रति अपना वो विकराल रूप धारण करेगी कि हम कुछ भी नहीं कर पायेगें और चारों ओर विनाश ही विनाश होगा।
इसी प्रक्रति के खौफनाक कहर की झलक हमें आये दिन देखने को मिलती है और इसी के कहर की झलक अब तराई इलाकों में दिखाई देनी शुरू हो गयी। उत्तर प्रदेश में हिमालय की तलहटी में बसा लखीमपुर खीरी जिला जिसमें दुधवा टाइगर रिजर्व भी आता है, जहां जंगलो का कुछ अंश आपको देखने को मिल जाता है। शनिवार-रविवार की रात लगभग तीन बजे से प्रक्रति ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है और तेज बारिश के साथ तेज तुफान ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया। लोगों की माने तो जिले का यह तुफान सबसे तेज है इससे पहले तराई के इलाके में ऐसा तुफान काफी वर्षो के बाद दिखाई दिया है।
तूफ़ान से जान माल के नुकसान की अभी तक कोई खबर समाचार लिखे जाने तक नहीं प्राप्त हुई है। फिलहाल इस मूसला धार बारिश से लोगों को तेज गर्मी से तो राहत दिला दी है। समाचार के अपडेट आपको प्राप्त होती रहेगी।