भदोही का स्टेशन अधीक्षक कोमल गिरफ्तार, घोरावल (सोनभद्र) नरसंहार का मास्टरमाईंड होने का लगाया था पीड़ित परिजनों ने आरोप
प्रदीप दुबे विक्की / राकेश अग्रहरी
सोनभद्र : घोरावल के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उभ्भा में हुए नरसंहार का मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भुर्तिया और उसके कई साथियों को पुलिस हिरासत में ले चुकी है। मामले में कोमल नाम का एक व्यक्ति भी वाराणसी से हिरासत में लिया गया है जो भदोही का स्टेशन अधीक्षक बताया जा रहा है। ये गिरफ़्तारी मामले में एक नया मोड़ लेकर आई है।
पीड़ित और उनके परिजनों ने अस्पताल में पहले दिन ही आरोप लगाते हुवे कहा था कि यज्ञदत्त के साथ लगभग 25-30 ट्रैक्टर पर लद कर लगभग 300 लोग आये थे। इनमे से कोमल भी था जिसने अपने चेहरे पर रुमाल बाँध रखा था। पीडितो का कहना था कि सबसे पहली गोली कोमल ने ही चलाया था। कोमल को ग्रामीण आदिवासी इस कारण भी पहचानते थे कि वह गाव में अक्सर आया जाया करता था। पीडितो का आरोप है कि आये हुवे लोगो में बिहार और मध्य प्रदेश के लोग भी थे।
इस पुरे घट्नाक्रम में यज्ञदत्त का मास्टर माइंड कोमल को ही ग्रामीण बता रहे है। एक ज़िम्मेदार पद पर बैठा एक शख्स ऐसे ह्रदय विदारक घटना को अंजाम देने में अपना दिमाग लगा बैठा सोचनीय विषय है। कोमल आरोपी प्रधान का सगा रिश्तेदार बताया जाता है। कोमल को गुरुवार के रोज़ वाराणसी में गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही भूमि पर कई पीढ़ी से काबिज आदिवासियों में दहशत फैलाने के लिए पटना से भी तमाम लोगों को बुलाया गया था। यह बात गुरुवार को गांव के एक व्यक्ति ने जिला अस्पताल में बताई।
पीड़ित परिजनों ने अस्पताल में मीडिया को बताया कि उभ्भा में आदिवासियों से भूमि हथियाने की साजिश पहले ही रच ली गई थी। साजिश का मास्टर माइंड प्रधान का रिश्तेदार कोमल है। वह घटनास्थल पर चेहरे पर रूमाल बांधकर मौजूद था। इतना ही नहीं उसने भी आदिवासियों पर गोली चलाई थी। इसके साथ ही मूर्तिया गांव के एक व्यक्ति ने सबसे पहले एक महिला को गोली मारी। इसके बाद पटना से बुलाए गए दो लोग जो ट्रस्ट के सदस्य भी हैं ने गोलियों की बौछार करके लोगों को मौत की नींद सुला दिए।
पीडितो ने बताया कि ट्रस्ट का सदस्य होने के नाते दोनों मूर्तिया गांव बराबर आते-जाते भी रहे हैं। इसलिए गोली चलाने के दौरान उन्हें पहचानने में देर नहीं हुई। पीडितो ने बताया कि घोरावल ग्राम पंचायत के मूर्तिया व सपही में भूर्तिया जाति के लोगों की आबादी एक हजार है जबकि गोड़ जाति के 600 लोग हैं। सपही से मध्यप्रदेश बार्डर की दूरी मात्र छह किमी है जबकि मिर्ज़ापुर की सीमा महज एक किमी की है। बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद ज्यादातर हमलावर कई खेमे में बंटकर मध्यप्रदेश व मिर्ज़ापुर की सीमा में प्रवेश कर गए।