राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दिए आज़म पर कार्यवाही के निर्देश – फैसल लाला (कांग्रेस नेता)
गौरव जैन
रामपुर – दो दिन पहले कांग्रेस नेता फैसल खान लाला, ज़िला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम के नेतृत्व में कथित किसान और यतीमो ने लखनऊ राजभवन पहुंचकर अपनी ज़मीन वापस दिलाने और आज़म की गिरफ्तारी की मांग का एक ज्ञापन राज्यपाल राम नाईक को सौंपा था जिसको गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं।
विदित हों कि सांसद आजम खान के द्वारा रामपुर में आलिया गंज में किसानों की जमीनों पर कथित रूप से कब्जा करके जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने तथा वक्फ़ संख्या 157 यतीमखाना सरायगेट रामपुर से कमजोर अल्पसंख्यकों को बेघर कर उनकी जगह पर कब्जा करके तीजारती स्कूल बनाने के विरोध में रामपुर के कथित पीड़ितों का एक डेलिगेशन लखनऊ राजभवन पहुंचा था जहां डेलिगेशन ने राज्यपाल राम नाईक को आज़म खा के खिलाफ ज्ञापन सौंप कर इंसाफ की गुहार लगाई थी।
ज्ञापन में कहा गया था कि रामपुर से सांसद आजम खान ने ग्राम आलिया गंज के 26 किसानों की जमीन पर नाजायज कब्जा करके उन गरीब किसानों की जमीन को जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर मिला लिया है जिस पर उन किसानों की ओर से रामपुर के थाना अजीम नगर में आजम खां के विरुद्ध मुकदमे दर्ज कराए गए हैं और इतनी बड़ी तादाद में किसानों की जमीन पर कब्जा किए जाने पर जिला प्रशासन ने आजम खां को भूमाफिया घोषित करते हुए उनका नाम एंटी भू माफिया पोर्टल पर अपलोड किया है,
उन्होंने कहा कि परंतु अभी तक आजम खान ने गरीब किसानो की जमीन से अपना अवैध कब्जा नहीं छोड़ा है और इतनी बड़ी तादाद में आजम खां पर मुकदमे दर्ज होने के बावजूद भी रामपुर की पुलिस ने उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है साथ ही एक अन्य प्रकरण में कहा गया था कि यतीमखाना संख्या 157 सराय गेट रामपुर नवाब रजा अली खा ने यतीमो के रहने के लिए जगह वक्फ़ की थी जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 40 बेहद गरीब परिवार दशकों से रहते थे जिसकी वक्फ़ किराएदारी की रसीदें और अल्पसंख्यक विभाग के आवंटन पेपर भी थे परंतु साल 2016 में जब आजम का प्रदेश सरकार में वक्फ मंत्री थे तब उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सभी यतीम मजलूम लोगों का अचानक वक्फ़ आवंटन निरस्त करा कर यह जगह जौहर ट्रस्ट को आवंटित करा दी जिसके मालिक आजम खान खुद हैं और रातों-रात पुलिस पीएसी लगाकर सभी परिवारों को बेघर कर दिया गया और पूरी बस्ती के ऊपर बुलडोजर चला दिया गया
बाद में आजम खान ने यहां बिना नक्शा पास कराए तीन मंजिला एक बिल्डिंग बनाई है जिस पर 6 दिन पूर्व यतीमखाना रामपुर पब्लिक का बोर्ड लगाया गया है, यह सभी अल्पसंख्यक समुदाय के बेहद गरीब और कमजोर लोग हैं इसलिए जो बिल्डिंग पर यतीमखाना रामपुर पब्लिक स्कूल का बोर्ड लगा है उस स्कूल को सरकार अधिग्रहण करके वहां गरीब और रामपुर के अन्य ऐसे अल्पसंख्यक परिवार जो रिक्शा चलाते हैं बीड़ियां बनाते हैं, पत्थर तोड़ते हैं या फिर मजदूरी करते हैं उनके बच्चों को मुफ्त में एडमिशन दिया जाए ताकि उनके बच्चे भी समाज के और बच्चों की तरह तालिब इल्म हो सके। अब राज्यपाल ने पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत करते हुए उन्हें पत्र लिखकर आज़म खान पर कार्यवाही करने के लिए सरकार से सिफ़ारिश की है।