जिलाधिकारी ने जनपद की आशाओं की कार्यशैली पर जताई नाराज़गी
गौरव जैन
रामपुर – जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए प्रदान की जा रही सेवाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जनपद की आशाओं की कार्यशैली पर नाराजगी जताई तथा कहा कि ऐसी आशाएं जो गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर न ले जाकर निजी स्वार्थ के कारण प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रेरित करती हैं, उन्हें गोपनीय तरीके से चिन्हित कराते हुए उनकी सेवा समाप्त की जायेगी।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की आम जनता तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए तथा कहा कि कागजी खानापूर्ति से ऊपर उठकर वास्तविकता के धरातल पर परिवर्तन दिखना चाहिए, इसके लिए किसी भी स्तर पर कार्य करने वाले लापरवाह कार्मिकों को तत्काल हटाये तथा सक्रिय लोगों को जिम्मेदारी सौंपे
आशा, ए.एन.एम. व आंगनबाड़ी की उपस्थिति में होने वाली समन्वयक बैठकों में आगनबाड़ी कार्यक्रमों की कम उपस्थिति पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि ऐसी आगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सूची तैयार कराते हुए उनकी सेवा समाप्ति की कार्यवाही जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनिश्चित करें। 29 अगस्त को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कृृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि एल्बेन्डाजोल टेबलेट की पहुंच 01 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चे, नवयुवक व नवयुवतियों तक सुनिश्चित होनी चाहिए।
मुख्य चिकित्साधिकारी सुबोध कुमार शर्मा ने कहा कि 29 अगस्त को एक साथ निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों को अल्बेन्डाजोल की खुराक दी जायेगी तथा 30 अगस्त से 04 सितम्बर 2019 तक छूटे हुए बच्चों तक जाकर उन्हें कृमि मुक्ति हेतु निर्धारित खुराक दी जायेगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शिवेन्द्र कुमार सिंह, जाॅइन्ट मजिस्ट्रेट गौरव कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गण उपस्थित रहे।