साभार- अशोक गोयल ब्यूरो कानपुर, क्राइम सस्पेंस न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर नगर | हैलट तो ठीक, इसमें लगे पत्थरों में दिल है लेकिन यहां पर तैनात डॉक्टर किसी जल्लाद से कम नहीं हैं | हैलट में अगर कोई मौत मांगे तो डॉक्टर तत्काल दे देंगे, लेकिन जिन्दगी मांगे तो वार्ड से फिकवा देंगे | मंगलवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने सुना, देखा तो उनके मुंह से निकल ही गया कि हैलट के डॉक्टर सच में बेरहम हैं, जो इंसानों को कीड़े और मकौड़े समझते हैं | 5 दिन पहले सड़क पर हादसे से घायल एक व्यक्ति को काकादेव पुलिस हैलट में एडमिट करवाया था | वह भीख मांगकर अपना पेट पालता और फुटफाथ में ही सो जाया करता |
सड़क के किनारे बैठे अधेड़ को किसी वाहन ने टक्कर मार दिया और वह घायल हो गया | सुबह राहगीरों की सूचना पर पुलिस उसे हैलट लेकर आई | जहां डॉक्टरों ने घायल को भर्ती करने से मना कर दिया, लेकिन पुलिस के कहने पर मजबूरी में उसे एडमिट किया | लेकिन पांच दिन तक अधेड़ का इलाज नहीं किया, जिसके चलते उसके शरीर पर कीड़े पड़ गए | डॉक्टरों ने उसे इसी हालत पर वार्ड से बाहर एक बेड पर बांध दिया, लेकिन जख्म में मलहम नहीॉ लगाया |
नहीं किया सही से इलाज तो पढ़ गए कीड़े
वाहन की टक्कर से अधेड़ की पीट, पैरों व सिर पर गहरा घाव हो गया था | डॉक्टरों ने वार्ड के किनारे बेड पर डाल दिया | वह दर्द से कराहता तो डॉक्टर उसकी पिटाई करते | अधेड़ के घाव में कीड़े पड़ गए | डॉक्टरों की नजर अधेड़ के शरीर पर नहीं कीड़ों में पड़ी तो वह उसे वार्ड के बाहर जमीन पर लिटा दिया | अधेड़ कीडों के चलते भागने लगा तो उसके हाथ पैर बांध कर वार्ड के बाहर बेड समेत फिकवा दिया |
बेड पर बांधने से हो गया बेडसोल
अधतकलीफ यहीं नहीं खत्म होती, बल्कि जिंदगी की यह भयावहता एक कदम और आगे बढ़ जाती है, वह यह कि इसका आधा सिर पूरी तरह से सड़ चुका है, सिर में भी कीड़े बिलबिला रहे हैं। उन कीड़ों के काटने से दर्द से बिलबिला रहा है यह लावारिस शख्स। कर्मचारियों ने बताया कि 108 नंबर एंबुलेंस इसे पांच दिन पहले रात में भर्ती करके चली गई थी। हैलट के डॉक्टरों ने इसे भर्ती तो किया पर इलाज शुरू न किया, दर्द से बिलबिलाते इस शख्स का इलाज तो डॉक्टर न कर सके, पर बेड से बांधकर इसकी भागदौड़ रोक दी। पांच दिन से बेड पर बंधे होने के चलते इसको बेडसोल हो गया, घाव सड़ गया और उसमें कीड़े पड़ गए।
मक्खियों ने भी घाव पर किया हमला
आदमजाद हालत में दर्द से बिलबिलाते, सिहरते अधेड़ को देखकर आसपास के लोगों के चेहरों पर घिन, गिजगिजाहट, दर्द, पीड़ा, करुणा, दया जैसे भाव एकसाथ आ जा रहे थे। दोनों हाथों में पट्टी बंधी हुई है, पर किसी घाव के लिए नहीं बल्कि अस्पताल के बेड पर बंधे उसके हाथों को छुड़ाने से लटक रही पट्टी के टुकड़े हैं। एक चादर जमीन पर घिसलाते हुए यह शख्स दर्द से बिलबिलाता हुआ हैलट इमरजेंसी की जाली के पास बैठ गया। इस शख्स के चेहरे पर बेहद ही घिनौनी और दर्दनाक बीमारी की तकलीफ साफ दिख रही है। रह-रहकर सी-सी करता हुआ वह अपने शरीर के आसपास भिनभिना रही मक्खियों को उड़ाने की असफल कोशिश करता जा रहा है। वजह यह है कि इसकी पीठ पर छह इंच के व्यास में फैला घाव, किसी एक्सीडेंट से हुआ यह घाव पूरी तरह सड़ चुका है, अंदर कीड़े इस कदर फैले हैं कि लिखा हुआ पढ़कर आपकी आत्मा सिहर उठेगी।
कुत्ते ने शरीर नोचा, नहीं किसी को तरस आया
हैलट में दर्द से बिलबिलाता हुआ यह जिधर निकल पड़ता है, लोग कुत्ते की तरह दुरदुराने लगते हैं। हैलट में टहल रहा कुत्ता इसके हाथ में लिथड़ती हुई चादर लेकर भाग लेता है, इसकी हालत देख कुत्ते तक शरीर नोंचने लगते हैं। हैलट में भर्ती तीमारदारों को तरस आ गया तो कुत्तों को भगाया। आदमजाद हालत देखकर महिलाएं वितृष्णा से नाक पर रुमाल रखे हुए मुंह घुमा लेती हैं। आधा दिमाग सड़ जाने के कारण यह विक्षिप्तावस्था में है। जब कीड़े अंदर चलते हैं तो दर्द से तड़पता हुआ यह भागता है। इसके लिए इसके हाथ पैर बेड से बांध दिए गए थे, पर दर्द की इंतहा हो गई तो यह फिर हाथ छुड़ाकर भाग निकला।
अंश के बाद हालात जस के तस
हैलट अस्पताल में दर्द से बिलबिलाते इस इंसान का दर्द हैलट के डॉक्टरों पर असर नहीं डालता। अभी हाल ही में पिता के कंधे पर हुई बच्चे की मौत के बाद जिलाधिकारी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री के निरीक्षण निर्देश जैसी तमाम लिखित-मौखिक निर्देश नसीहतों के बावजूद हैलट की हालत जस की तस बनी हुई है। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों के इस मंदिर में इंसान यूं ही जानवर की तरह दर्द से बिलबिलता रहेगा। यह यहां के भगवान से सिर्फ मौत की दुआ मांग सकता है, क्योंकि और कुछ देना तो यहां के भगवान भूल
ही गए हैं।