क़ौम के नाम पर खड़ी की गयी जौहर यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की तर्ज़ पर चलेगी : फैसल लाला
गौरव जैन
रामपुर – भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ है साल 1942 में आज ही के दिन अंग्रेज़ों के खिलाफ़ शुरू हुई थी अगस्त क्रांति जिसके बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ, हमारा देश अंग्रेज़ो के ज़ुल्मों से तो आज़ाद हो गया लेकिन आज भी हमारे देश में आज़म जैसे सियासी माफ़िया नेता मौजूद हैं जो देश के कमज़ोर लोगों पर अंग्रेज़ो से ज़्यादा ज़ुल्म ढाते हैं। यह लोग क़ौम की रहनुमाई के नाम पर न सिर्फ सरकारों में लूट मचाते हैं बल्कि ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों को झूठे मुकदमें लगाकर जेल में डाल देते हैं, अब आज़म जैसे नेताओं की माफिया गिरी नही चलेगी आज़म को रामपुर छोड़ना ही पड़ेगा और यूनिवर्सिटी क़ौम के हवाले करना पड़ेगी।
जब तक यूनिवर्सिटी आज़म खा के पास है तब तक क़ौम का बड़ा नुक़सान होता रहेगा क्योंकि मौलाना मौहम्मद अली जौहर के नाम पर मुफ़्त में खड़ी की गयी यूनिवर्सिटी में आज़म न तो क़ौम के बच्चों को मुफ़्त में पढ़ाते हैं, न मुफ़्त में खाना खिलाते, न मुफ़्त में किताबें देते, न मुफ़्त में ड्रेस देते हैं बल्कि सरकार की ओर से क़ौम के बच्चों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप भी खा जाते हैं और वहाँ बच्चों से लाखों रूपये फीस के वसूले जाते हैं यदि किसी बच्चे को फ़ीस देने में देरी हो जाए तो उस बच्चे से जुर्माना भी वसूला जाता है अगर यूनिवर्सिटी सरकार अधिग्रहण करके अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की तर्ज़ पर जौहर यूनिवर्सिटी को चलाए तो क़ौम के बच्चों को बहुत मामूली फीस पर बेहतरीन तालीम दी जा सकेगी।
जिस तरह बड़े संघर्ष के बाद देश को अंग्रेज़ो से आज़ादी मिली थी आज फिर बापू के मज़बूत राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए आज़म जैसे तानाशाह नेताओं का बहिष्कार करना ज़रूरी है जिसकी तहरीक रामपुर से चलाई जाएगी और आज़म जैसे क़ौम के दुश्मन को रामपुर छोड़ना ही पड़ेगा।