कानपुर-पत्रकार पर हुआ हमला, डीजीपी के आदेशो को ताख पर रख आरोपी को छोड़ा थानेदार ने थाने से
एक संस्था के अध्य्क्ष व उसके भतीजे ने किया पत्रकार पर हमला
दिग्विजय सिंह
कानपूर, सत्य को सामने लाने वाले पत्रकार अब मुफीद नहीं है हालात दिन प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे है कानपूर में एक दिन में दो पत्रकारो पर हमले की वारदात की खबरे आना इस बात की तस्दीक है की सत्य लोगो को हजम नहीं हो रहा है ताजा मामला उस समय प्रकाश में आया जब एक पत्रकार राजेन्द्र केसरवानी ने एक संस्था के अध्य्क्ष धीरेन्द्र सिंह राठौर से संस्था के सदस्यों द्वारा लगाये गए घोटाले के आरोपो के सम्बन्ध में सवाल पूछ लिया तो वह इस कदर तिलमला गया की उसने पत्रकार पर हमला कर दिया और जान मारने की नियत से लगभग ढाई फिट लंबे व आधा फिट मोटे डंडे से उस पर वार कर दिया
वह तो भला हो वशिद खान नाम के युवक का जो उसने आकर डंडे को रोक लिया वही उसके हाथ में भी गंभीर चोट आई. वही पुरे मामले से अवगत कराते हुए थाना प्रभारी को तहरीर दी किन्तु मध्य रात्रि थानेदार ने आरोपी को छोड़ दिया.थानेदार साहेब के लिए डीजीपी के आदेशो की कोई फिक्र नहीं है.
यही नहीं क्षेत्रिय थानेदार ने देर रात तक पत्रकार पर समझौता करने का दबाव बनाया रात एक बजे तक पीड़ित पत्रकार को लगातार दबाव बनाने वाले थानेदार महोदय ने जब दाल गलती नहीं देखी तो देर रात आरोपी को थाने से छोड़ दिया. सूत्रों की माने तो थानाध्यक्ष महोदय इस प्रकरण को यही दबाते हुवे बात ठन्डे बसते में डालना चाहते है.