घुसखोर या न्यायप्रिय, असमंजस अभी बाकि है
रणविजय सिंह
संतकबीरनगर. (धनघटा). एक दरोगा जो की इस समय रिश्वत लेने के जुर्म मे एंटी करप्शन टीम के द्वारा घेरा गया है। लेकिन इस सब इंस्पेक्टर के लिए जो जन आंदोलन कल जनता किया वह अविश्वसनीय रहा. अक्सर देखा गया है क़ि जनता पुलिस की खिलाफ होती है या पुलिस पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सही मानती है. अब इसको इस कार्यकुशल और स्वच्छछवि कहे या फिर क्षेत्रिय समीकरण जो कि कोई भी दरोगा पर लगे आरोपों को सही नही मानते.
विनोद कुमार के बारे मे समर्थक कह रहे है कि वह जहां भी तैनात रहे वहां के लोगों को इनके कायल हो गयी जिसका नज़ारा कल धनघटा थाने पर जनता के समर्थन मे आक्रोश के रूप मे दिखा।जनता का कहना है कि विनोद कुमार जबसे दोआबा क्षेत्र मे तैनात हुए तब से उन्होंने देसी शराब और अवैध खनन जिसके लिए पूरा क्षेत्र बदनाम रहा है को नियंत्रित कर लिया. इस कारण जनता दरोगा के समर्थन में आई जिसकी इबारत अखबारों की सुर्खियों में भी देखने को मिली. समर्थको का कहना है की जिस शिकायतकर्ता महिला ने एंटी करप्सन में दर्ज करायी है, उसकी भी पूरी डिटेल एंटी करप्शन द्वारा सही नहीं प्रदान की गई और समझ से विपरीत है कि दरोगा ने उससे किस बात के पैसे मांगे थे.
महत्वपूर्ण ये भी है क़ि जिस तरह से एंटी करप्सन के अधिकारियों ने दरोगा विनोद कुमार से मारपीट की वह बेहद निंदनीय है और मेरा मानना है कि उनके खिलाफ भी उचित कानूनी करवाई होनी चाहिए। सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सारे नेताओं और जनता ने विनोद कुमार पर लगे सारे आरोपों को किसी साजिश का हिस्सा माना और अपना पूरा समर्थन विनोद कुमार को देते हुए उक्त साजिश कर्ताओं के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। वही दुसरे तरफ एंटी करप्शन का पक्ष अगर देखा जाय तो दरोगा भी दोषी प्रतीत होते है.क्योकि दरोगा को एंटी करप्शन ने रेंगे हाथो गिरफ्तार किया है. जिसमे साक्ष्य के तौर पर घुस की रकम. उस लगा केमिकल,जो हाथ धुलवाने पर हाथो पर साबित हुआ. इत्यादि, ये सभी साक्ष्य दूसरी तरफ दरोगा को आरोपी साबित करने को पर्याप्त है.अब अगर बात की जाय उस वर्ग की जो इस प्रकरण में शांत मुद्रा में बैठा है तो वह वर्ग अभी भी अपनी शांति बनाये हुए है. चर्चा चहुओर है और चर्चोओ का बाज़ार गर्म है, अब इन चर्चोओ में दरोगा के पक्ष,विपक्ष दोनों है. पक्ष जहा आरोपी को निर्दोष साबित करने पर तुला है वही विपक्ष रोबिन हुड कथाओ का नायक बताने में पीछे नहीं हट रहा है, अब हकीकत क्या है यह दरोगा, महिला और इश्वर ही जाने.मगर बाते चतुर्दिक चल रही है