प्राथमिक विद्यालयों का हाल हुआ खस्ता,विभागीय अधिकारी बने हुए हैं अंजान
परंतु बीते दिन मंगलवार 23 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय हैरमखेड़ा में मात्र एक शिक्षिका ही उपस्थित मिली। वही स्थानीय लोगो की माने तो प्राथमिक विद्यालय में हमेशा ऐसे ही आलम रहता है। सभी महिला शिक्षिका होने के कारण वे आपस में समान्यस्य के चलते सब एडजस्ट होता ही रहता है ।सब एक एक दिन छुट्टी करती ही रहती है जैसे आज मैं और कल तुम जब किसी अधिकारी के आने की सूचना मिली नहीं की सारा स्टाफ पूरी ईमानदारी से ड्यूटी करने लगता है । प्राथमिक विद्यालयों में हमेशा एक या दो ही शिक्षिका आती है। जबकि उपस्थिति पंजिका पर सभी दिन उपस्थिति चढ़ी मिलती है। प्रधानपति सहित ग्रामीणों की माने तो प्राथमिक विद्यालय हैरमखेड़ा तैनात शिक्षिका आराधना की बात करे तो उसके लिए 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस जैसा भी दिन कोई मायने नहीं रखता उस दिन भी इस अध्यापिका ने स्कूल आना उचित नहीं समझा, इतना ही नहीं 21 अगस्त साक्षरता दिवस , 22 अगस्त , 23 अगस्त को भी विद्यालय नहीं आयी , लेकिन स्टाफ के आपसी सामंजस्य के चलते वह भी उपस्थिति पंजिका पर उपस्थित हस्ताक्षर मिलना कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है , इस मामले को विभागीय अधिकारियों को संज्ञान में करने के बाद भी जिम्मेदार विभागीय अधिकारीयो के द्वारा कोई भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है । इस सन्दर्भ में जब शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होगी तो शिक्षा के स्तर के बारे में ज़रूर हज़ारो सवाल खड़े करता है। जब इस सम्बंध मे एसडीआई प्रभारी मितौली से बात की गयी तो उन्होंने बताया की एनपीआरसी को जाच के लिए भेजा गया था तो उन्होंने ने बताया कि सब सही है अगर गड़बड़ी की है तो दूसरे से जाच करायी जायेगी इससे सिद्ध होता है की शिक्षा विभाग की कार्यवाही करने मे सक्षम है अगर दोषियो के ऊपर कार्य वाही न हुई तो जनता व शिकायत करता को उच्च स्तरीय अधिकारीयो के पास जाना पड़ेगा ।