अदालत में पेशी माफ़ी करने की मांग करते हुवे मुख़्तार अंसारी ने कहा डॉन बृजेश व मनोज सिन्हा के साथ प्रदेश सरकार से है जान का खतरा
तारिक खान
प्रयागराज: मऊ सदर के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही है। गवाह राम सिंह मौर्या और उनके सुरक्षाकर्मी को गोलियों से छलनी किये जाने के मामले के आरोपित मुख्तार पिछले कई महीनों से कोर्ट में नहीं आ रहे थे। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट के सख्त रुक अख्तियार करने पर मुख्तार की तरफ से पेश अधिवक्ता ने उनकी जान को खतरा बताते हुए पेशी से छूट की मांग की थी। मुख्तार की तरफ से इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता ताराचंद्र गुप्ता तथा अभियोजन की तरफ से हरिओम कार्तिक जबकि वादी की तरफ से अधिवक्ता सुदिष्ट सिंह ने पक्ष रखा था।
गौरतलब है कि इन दिनों मुख्तार अंसारी एक व्यवसायी से रंगदाारी मांगने के मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में निरुद्ध हैं। पिछली कई तारिख पर न आने पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया था। इस पर बचाव पक्ष वीडियो कांफ्रेसिंग से पेशी की मांग की थी। कहा कि विधायक कई गंभीर रोगों से ग्रसित है। पेशी कराये जाने पर उनको एमएलसी बृजेश सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज सिन्हा के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार तक से जान का खतरा है।
अभियोजन ने अवधेश राय हत्याकांड में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के राकेश श्रीवास्तव न्यायिक बनाम राज्य सरकार का हवाला दिया। इसमें स्पष्ट निर्देश है आरोपित को हर हाल में कोर्ट के सामने प्रस्तुत रहना होगा। अगर नहीं आया है जो जेल सुपरिटेंडेंट और मुख्य सचिव के खिलाफ कोर्ट अवमानना की कार्रवाई हो सकती है।
बचाव पक्ष की आपत्ति को खारिज करते हुए कोर्ट ने 31 अगस्त को पेश करने का आदेश दिया है। इस दिन अभियोजन की तरफ से अंतिम बहस होगी और बचाव पक्ष इसका उत्तर देगा जिसके बाद मामला फैसले में जा सकता है।