तो क्या जनरेटर माफियाओं के हाथो में है यहाँ बिजली व्यवस्था
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। एक तरफ जहां तेज धूप और भीषण गर्मी के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ पड़ा है वहीं बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है ।जिससे लोगों में बहुत ज्यादा आक्रोश देखने को मिल रहा है और वह बिजली विभाग के खिलाफ आला अधिकारियों के पास जाने की तैय्यारी कर रहें हैं।
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से लेकर तहसील क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों तक बिजली की कटौती का कोई शेड्यूल नहीं रह गया है, हालात ये हैं कि पिछले 24 घंटे में महज पांच छ घंटे ही बिजली मिल रही है चिपचिपी गर्मी में बिजली की अंधाधुंध कटौती से चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक बिजली की समस्या से परेशान हैं, बावजूद इसके बिजली विभाग के अधिकारी लंबी तानकर सोए हुए हैं,हालात ये है कि अधिकारी लोगों का फोन तक उठाने की जहमत नहीं कर रहे हैं। हैरत की बात ये है कि तहसील क्षेत्र पलिया से लेकर गांवों में लोग जबरदस्त बिजली संकट से जूझ रहे हैं लेकिन अधिकारियों ने अब तक कटौती रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है।सबसे ज्यादा हालात पलिया क्षेत्र के खराब है।
शहर की बिजली सप्लाई पर एक नजर डालें तो बालत बद से बद्तर नजर आ रही है कि पूरे पूरे दिन बिजली की आख मिचौली लगातार लगी रहती है दिन में तो लोग जैसे तैसे लोग दिन काट लेते हैं लेकिन रात में लोगों की हालत बहुत खराब हो जाती है रात में जहां लोग थके हारे सोने की तैय्यारी करते तो बस पूछिये मत बिजली आती है और चली जाती है और रात भर ट्रिपलिंग होती रहती है जिससे लोग चैन से नहीं सो पाते है। बिजली न आने से सबसे ज्यादा परेशानी मीडियम और नीचे स्तर के लोगों को होती है क्योंकि वह जनरेटर सुविधा नहीं ले सकते।
सुत्रों की माने पलिया क्षेत्र में अवैध तरीके से जनरेटर चला रहे जनरेटर माफिया बिजली विभाग कर्मियों से सांठ-गांठ किये हुए है। जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। बिजली किल्लत के कारण पेयजल व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, गली-मोहल्लों में लगे हैंडपंपों का ही सहारा बचा है।
आखिर कब होगी जनरेटर माफियाओं पर कार्यवाही
वायू प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के लगातार फैलने के बावजूद जनरेटर माफियाओं पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है जिससे उनके हौसले बुंलद होते नजर आ रहे है। साथ ही मार्गो पर भी तारों का मकड़जाल पूरी तरह से फैला हुआ है। जिससे आये दिन कोई न कोई हादसा होता ही रहता है। लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है।