गंगा की उतरती लहरों में बहा स्कूल व पुलिया, महामारी की आशंका
अखिलेश सैनी
मझौवां। गंगा नदी की उतरती लहरें भी कम तबाही नहीं मचा रही है। मंगलवार को नदी की लहरों में जहां प्राथमिक विद्यालय उदयीछपरा विलीन हो गया, वहीं पांडेयपुर में एक पुलिया बह गयी। उदयीछपरा में विद्युत ट्रांसफार्मर व वेदांती जी की कुटिया भी नदी का निवाला बन गयी। उधर, ओझवलिया गांव में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के स्मृति स्थल के पास बाढ़ का पानी नीचे खिसकने के बाद खंडहर की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। वहीं, बाढ़ के पानी से सड़ांध निकलने से महामारी फैलने की आशंका से लोग सहमे हुए है। बाढ़ के पानी से सर्वाधिक तबाही दूबेछपरा रिंग बंधा टूटने के बाद पानी से घीरे15 गांवों में देखने को मिल रही है। इसके अलावा दुबहर से टेंगरही तक की हालत भी पतली है। रामगढ़ से दयाछपरा तक सड़क पर आशियाना बनाकर रह रहे बाढ़ व कटान पीड़ितों की दशा काफी खराब है। प्रशासन व स्वयं सेवी संगठनों द्वारा इन्हें राहत तो मिल रही है, लेकिन अपनी बेचारगी पर पीड़ितों को काफी कष्ट हो रहा है। कभी दूसरों को आहार उपलब्ध कराने वाला किसान, आज स्वयं दूसरों के आहार पर आश्रित हो गया है। जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने बाढ़ पीड़ितों के बीच समय से राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया है। मंगलवार को सोहांव ब्लाक को भेजी जा रही पीड़ितों की राहत सामग्री का जायजा जिलाधिकारी ने लिया। वहीं,जिलाधिकारी ने एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिसकी आजीविका चली गयी है, उसे प्राथमिकता पर राहत सामग्री पहले दी जाए। मंगलवार को सोहांव ब्लाक से बेलसीपाह, बसंतपुर, गोविन्दपुर, भरौली गांव के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री दी जा रही थी। जिला प्रशासन द्वारा तहसील बलिया सदर व बैरिया के बाढपीडितों को राहत सामग्री के रूप में आटा, चावल, दाल, आलू, किरोसिन,मोमबत्ती, साबुन, बिस्किट, माचिस, नमक आदि दी जा रही है। जिलाधिकारी प्रतिदिन दोनों क्षेत्रों में भ्रमण कर वितरण कार्य का निरीक्षण भी कर रहे हैं। उधर, बैरिया तहसील में भी बाढ़ पीडितों को राहत सामग्री वितरित की जा रही है।