गुदड़ी में लाल साबित हो रही किसान की बेटी आराध्य
फारुख हुसैन
निघासन खीरी। कहते है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। प्रतिभा के लिए ये ज़रूरी नहीं की वह शहर के नामी गिरामी स्कूल का ही छात्र ही हो। ये साबित किया निघासन के छोटे से गाव की एक किसान की बेटी छात्रा आराध्या वर्मा ने क्लास थ्री की छात्रा इतनी कम उम्र में जनरल नॉलेज में महारथ हासिल कर ये साबित कर दिया कि अगर हीरा को तराशने वाले अच्छे गुरु मिल जाए तो हीरा बेहतरीन आभूषण बन सकता है
एब्लान पब्लिक स्कूल में पढने वाली छात्रा इतनी कम उम्र में ज्ञान का भंडार बन गई फर्राटे से इंग्लिश में बाते करना व जनरल नॉलेज का कोई भी सवाल पूछने पर सेकंडों में जवाब देना नन्ही बच्ची की फितरत बन चुका है। इस बच्ची को देखकर भारत का भविष्य उज्ज्वल माना जाने लगा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर बच्चा जनियस होता है अगर उसे अच्छे शिक्षक मिल जाए तो बेशक संसार की हालत बदल सकती है। बच्ची से बात करके लगा की यकीनन स्कूल के शिक्षक बहुत ही जीनियस और जिम्मेदार है। और स्कूल प्रशासन भी अपनी ज़िम्मेदारियों पर खरा उतर रहा है। बच्चे के पिता किसान मनोज वर्मा से बातचीत कि गई तो उन्होंने बच्चे को यहां तक पहुंचने का श्रेय स्कूल के शिक्षकों को दिया
वैसे जनरल नालेज के हिसाब से ये बालिका अपने माता पिता की शान है।आगे चलकर यह बालिका होनहार होगी।बालिका की मां रूची वर्मा गृहणी होते हुए भी शिक्षा के प्रति बच्चों पर विशेष ध्यान देती है और बताया कि मेरा ही बच्चा नहीं इस स्कूल का हर बच्चा बहुत होशियार है। मुझे गर्व है कि मेरे बच्चे की कमान बहुत अच्छे स्कूल प्रशाशन के हाथ में है। ये स्कूल पढ़ाई के साथ साथ व्यक्तित्व निखार पर भी काफी मेहनत करता है ताकि बच्चे संस्कारिक बने। बच्चे ने बताया कि व अपना नाम भविष्य में गिनीज बुक में दर्ज कराना चाहती है। स्कूल प्रबंधक ने बताया कि एक यहीं बच्चा नहीं हमारे स्कूल का हर बच्चा हमारी शान है। एक छोटे से गाव के किसान की बेटी ने न केवल माता पिता व अपने स्कूल का नाम रोशन किया बल्कि समूचे राष्ट्र का सर गर्व से ऊंचा कर दिया।