मिर्ज़ापुर – पत्रकार पर मुकदमा प्रकरण पंहुचा पीसीआई, तलब हुई प्रदेश सरकार से रिपोर्ट
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: मिर्ज़ापुर जिले में मिड डे मिल के दौरान बच्चो को नमक रोटी देने के खबर को ब्रेक करने वाले पत्रकार पर दर्ज हुवे मुक़दमे का संज्ञान अब पीसीआई ने ले लिया है। इस प्रकरण में पीसीआई ने प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब कर लिया है। बताते चले कि मिर्ज़ापुर जनपद के एक सरकारी स्कूल में बच्चो को मध्याहन भोजन में नमक रोटी प्रदान किया गया था। इस खबर को स्थानीय पत्रकार ने ब्रेक किया और देखते देखते राष्ट्रीय स्तर की खबर यह बन गई। इसके बाद मामले में कुछ लोगो को सस्पेंड करने के बाद जाँच का आदेश दिया गया था।
जाँच में कथित रूप से पत्रकार पर ही सीन क्रियेट करने का आरोप लगाते हुवे पत्रकार पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जाँच में कहा गया कि सब्जी हेतु पैसे अध्यापक ने पहले ही सब्जी वाले को दे रखे थे। इस दौरान कथित रूप से उस सब्जी वाले का भी बयान हुआ। जो बात समझ से बाहर की रही वह यह थी कि जब सब्जी वाले को अडवांस पैसे दिले थे तो सब्जी मास्टर जी ने लिया क्यों नही ? बहरहाल, सवाल तो कई है मगर जिला प्रशासन ने अपनी नाक को बचाते हुवे उलटे पत्रकार पर ही मामले में सीन क्रियेट करने का आरोप लगा कर मुकदमा दर्ज कर लिया। इस दौरान सबसे हास्यप्रद बयान जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर का था जिन्होंने कहा कि जब वह प्रिंट मीडिया का पत्रकार है तो वीडियो क्यों बनाया ? सिर्फ एक फोटो ले लेता।
बहरकैफ, भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने मामला दर्ज किये जाने पर प्रदेश सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है। पीसीआई के अध्यक्ष चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मध्याह्न भोजन की रिपोर्टिंग करने को लेकर पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने किए जाने की खबरों पर चिंता प्रकट की है। पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई ने राज्य सरकार से मामले के तथ्य पर एक रिपोर्ट तलब की है।
प्रेस एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है कि मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में गड़बड़ी को सुधारने के बजाय मिर्जापुर जिला प्रशासन ने पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मीडिया को खामोश करने का विकल्प चुना। गौरतलब है कि सोमवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस घटना की निंदा की थी और इसे निर्मम तथा संदेशवाहक को ही निशाना बनाने का अनूठा मामला बताया था।