जिला चिकित्सालय से मरीजों की बढ़ने लगी है दूरी
प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञांनपुर, भदोही। जिला चिकित्सालय शेर सिंह इन दिनों लोगों की नजरों से उछल होने की कगार पर आ खड़ा हुआ है पिछले कई महीनों से यहां आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है इसके पीछे के कारणों को अगर देखें तो पता चलता है कि यहां आने वाले मरीजों के जेबों पर सिर्फ डाका डालने के अलावा कुछ नहीं हुआ है मामूली से मामूली रोगों में मरीजों के स्वास्थ्य व जेबों से जमकर खिलवाड़ होता आ रहा है
यहां के कुछ डॉक्टर शासन के प्रमाणों को अंगूठा दिखाते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने से बाज नहीं आ रहे हैं सामान्य रोगों में भी गरीब मरीजों के पुर्जो पर हजारों रुपए की दवाएं लिखना यहां आम बात हो गई है जबकि शासन की मंशा ठीक इसके विपरीत रहती है जिला चिकित्सालय में जहां चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस मरीजों के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है क्षेत्र के गरीब रोगियों के उपचार के लिए सरकार ने जिस मंशा को लेकर ताल में ओपीडी का निर्माण कराया था आए दिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही है इस वक्त यहां आने वाली महिला रोगियों के लिए कोई विशेषज्ञ महिला चिकित्सक उपलब्ध नहीं है जिससे खासतौर से महिला रोगियों को सामान्य रोगों में भी बाहर जाना पड़ रहा है संसाधन के अभाव में बंद पड़े यहां के अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए एक कुशल तकनीशियन का वर्षों से इंतजार है फिर भी शासन अथवा प्रशासन के मंसूबे आम लोगों के समझ से पड़े हैं डॉक्टरों के द्वारा पुरुषों पर लिखे जाने वाले अल्ट्रासाउंड को मरीज अधिक पैसे पर बाहर कराने पर विवश हैं
वहीं बाहर खुले इसके सेंटरों के संचालक मस्त हैं जबकि मजबूरी होगी सब कुछ जानते हुए भी यहां आने के बाद विवश होकर चुपचाप सब कुछ सहने पर मजबूर हैं सरकारी मेडिकल मुआयना पर आने वाले लोगों को भी यहां डॉक्टर के इंतजार में सुबह से लेकर शाम तक इंतजार करना पड़ता है धन्य है यहां के दवा विक्रेता जो देर से ही सही पर आपस में बैठकर मरीजों के साथ जोहार करने वाले दलालों को बाहर का रास्ता दिखाने में एकजुटता दिखाने का साहस कर दिखाएं लोगों का कहना है कि यहां इतनी कमी तो आम बात है यहां से परेशान होकर गए रोगी दोबारा यहां आने के लिए सौ सौ बार सोचते हैं लोगों का कहना है कि यहां होने वाले आए दिन भ्रष्टाचार की परतें काफी मोटी हो चुकी है यहां की स्थिति सुधारने के लिए शासन को कोई अच्छी पहल करनी पड़ेगी