न जाने किसकी है खता, बर्बाद हुई किसानो की मेहनत के साथ करोडो की फसल, जाँच करने पहुचे बीज कंपनी के अधिकारियो को घेरा किसानो ने
हरमेश भाटिया
रामपुर: सिंजेन्टा कंपनी के धान लगाने से किसानों की कई हजार बीघा धान की फसल बर्बाद हो गई। वही फसल बर्बाद होने से किसानों की साल भर की रोजी रोटी पर सवाल खड़ा हो गया है। किसानो ने बताया कि एलपी 17059 की यह फसल लगाने से किसानों के लगभग 5000 बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है। जिसके कारण किसानों ने फसल को देखने पहुंचे सिजेंटा कंपनी के बिजनेस मैनेजर मलय मिश्रा एवं अन्य कर्मचारियों को किसानो ने घेर लिया। प्रकरण की सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंची पुलिस ने कर्मचारियों को ग्रामीणों के चुंगल से बचाया और थाने ले आई। जहां पीड़ित किसानों ने थाने में भी जमकर हंगामा काटा और कंपनी के बीज से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। बरहाल डिपार्टमेंट के लोग किसानों को मुआवजा देने की बात करते नजर आए।
मामला रामपुर जिले की तहसील टांडा क्षेत्र के दर्जनों गांव का है। जहां पर ग्रामीणों ने सिंजेन्टा कंपनी के धान एलपी 17059 की यह फसल लगाई थी। पर 6 महीने बाद फसल खड़ी तो हो गई, लेकिन उसमें चावल का दाना ना आता देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। जिसको लेकर सभी किसान बीज विक्रेता हिमांशु के पास पहुंचे और फसल खराब हो जाने की शिकायत की। जिस पर शिकायतों को बढ़ता देख क्षेत्रीय इंचार्ज नें अपने आला अधिकारियों को सूचित किया। मामले में जाँच करने लखनऊ से बिजनेस मैनेजर मलय मिश्रा और साथ ही मंडल प्रभारी विजय सिंह तहसील टांडा पहुंचे।
कंपनी की टीम आने की जानकारी किसानो को मिलते ही किसानों ने टीम को घेरकर उनका विरोध करना शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों के चुंगल से कंपनी के अधिकारियों को किसी प्रकार छुड़ाकर कोतवाली ले आई।
यहाँ भी क्षेत्र के सैकड़ों किसान मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। वहीं टीम के सदस्यों ने टेक्निकल टीम के पहुंचने से पहले किसी भी प्रकार की कार्रवाई से साफ इनकार कर दिया। बरहाल किसानों की करोड़ों रुपए की बर्बाद फसल का आखिर कौन जिम्मेदार बनेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन पीड़ित किसान बर्बाद हुई फसल से अन्न के दाने दाने के लिए तरस जाएंगे ये तो लगभग पक्का है।