इश्वर की लीला – जाने कैसे मृत्यु हुई उस दुखियारी महिला की जो अपने पति की लाश लेकर आ रही थी घर
इब्ने हसन जैदी.
कानपुर. इसको इश्वर की लीला नहीं तो और क्या कहेगे कि उसने अपने पति के साथ सारा जीवन गुज़ारा था. सात फेरो में 7 जन्मो का बंधन बांधने वाली राजकुमारी ने अपने पति ज्ञानेंद्र मणि द्रिवेदी के साथ जीने और साथ मरने का वायदा किया था.अब इश्वर की लीला ही थी जो पति को दिमागी बुखार हुवा, अस्पताल में भारती हुआ और वही उसकी मौत हो गई. पत्नी ने अपने धर्म का पालन करते हुवे पति की लाश लेकर पत्रिक गाव प्रतापगढ़ को निकली. रास्ते में हुवे एक सड़क दुर्घटना में उसकी भी मौत हो गई है.
घटना के सम्बन्ध में ज्ञात हुआ की ज्ञानेंद्र मणि द्रिवेदी दिल्ली के तेतारपुर में रहते थे जिनको कुछ दिन पहले दिमागी भुखार के इलाज के लिए दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था कल सुबह इलाज के दौरान इनकी मृत्यु हो गयी थी वह मुल रूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले थे इनकी पत्नी राजकुमारी व् अन्य परिजन इनके शव को लेकर दिल्ली से प्रतापगढ़ जा रहे थे महाराजपुर थाना क्षेत्र के सरसौल नगरा गाँव हाईवे पर इनोवा गाडी अनियंत्रित हो कर पेड़ से टकरा गयी जिसमे राजकुमारी व पंकज की मौके पर ही मौत हो गयी जब की 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. जानकारी के मुताबिक कार में मधुमक्खी को भगाने के चक्कर में कार चालक महेंद्र मिश्र से गाडी अनियंत्रित हो गयी. गाड़ी पहले डिवाइडर से टकराई और फिर पेड़ से टकरा कर पलट गयी. मौके पर पहुची पुलिस ने गाडी की छत काट कर शवो को अपने कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलो को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया. ज्ञानेंद्र मणि द्रिवेदी की पत्नी व् रिश्तेदार पंकज की मौके पर ही मौत हो गयी व बेटी प्रतिभा गंभीर रूप से घायल हो गयी.