वाराणसी – क्या सेंट जोसफ स्कूल, भरलई (शिवपुर) पर नहीं लागू होता यातायात का नियम ?
ए जावेद
वाराणसी। वैसे तो भले ही शहर की गलिया तंग हो और रास्ते पतले हो मगर यहाँ कि यातायात व्यवस्था में जाम का बहुत महत्व है। आप खुद इसका अहसास कर सकते है जब आप जाम वाले इलाके से निकलते है तो ऐसा लगता है जैसे जंग जीत लिया हो। ये एक अलग बात है कि जाम को कोसते हुवे हम अक्सर जाम में फंसे रहते है। मगर एक हकीकत और भी है कि इस जाम के ज़िम्मेदार हम खुद ही होते है। सरकार यातायात के जितने भी नियम बना ले, हम नही मानेगे के तर्ज पर सब चलता है। यहाँ तो एकल दिशा मार्ग के लिए अगर प्रशासन रस्सा लगा कर रास्ता रोके रहे तो हम रस्से के नीचे से निकल कर चले जाते है। वह भी जब आप बलिष्ठ हो तो फिर आपसे नियम कौन फालो करवा सकता है।
ऐसा ही कुछ मामला सेंट जोसफ़ स्कूल भरलई शिवपुर का है। तस्वीरो में आप देख सकते है कि किस तरह इस स्कूल बस ने पुरे सड़क को जाम लगा रखा है। बीच सड़क पर बेडे बेड़े बस को खड़ा करके पहले ड्राईवर ने बच्चो को उतारा, उसके बाद जब सब बच्चे उतर गए तो फिर बस स्कूल के अन्दर गई। तब तक आप जितनी भी जल्दी में हो, खड़े रहे उसी तरह। अगर आपने आपत्ति किया तो आपकी बेइज्ज़ती निश्चित तौर पर मुफ्त में होना है। बस के ड्राईवर से लेकर खलासी और स्कूल के गार्ड सभी मिलकर आपकी इज्ज़त में तुरंत चार चाँद लगा देंगे।
शायद इसको ही कहते है कि समरथ को नही दोष गुसाई। पुरे जिले ही क्या पुरे प्रदेश में यातायात नियमो का कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है। वाराणसी में भी प्रशासन जी तोड़ मेहनत कर रहा है कि यातायात नियमो का पालन करे। मगर लगता है इन नियमो का पालन केवल आम जनता से प्रशासन करवाना चाहता है। प्रस्तुत तस्वीरे कुछ इसी तरह की कहानी बयान कर रही है। तस्वीरे आज शनिवार सुबह लगभग 7 बजे के करीब की है। ऐसा नही है कि यह एक दिन की बात है। रोज़ ही स्कूल आने और छुट्टी के समय इस तरीके के नज़ारे दिखाई दे जाते है।
क्षेत्रीय जनता और आम मुसाफिरों को कितनी परेशानी हो, इसका स्कूल प्रशासन से कोई लेना देना नहीं है। अक्सर ही बच्चो को सड़क पर वाहन खड़ा करके भरा जाता है। इस दौरान सड़क पूरी दोनों तरफ से जाम रहती है। आप कोई आपत्ति कर नही सकते है। अगर आपने आपत्ति किया तो बस का ड्राईवर और खलासी आपसे बस वही खडी करके बहस करना शुरू कर देंगे। इस बहस के बीच आम नागरिक फिर आपको ही समझाने लगेगे कि जाने दे भाई साहब, जब तक बहस करेगे तब तक जाम ऐसे ही रहेगा।
अब देखना होगा कि आम जनता के साथ सख्त व्यवहार करने वाला यातायात प्रशासन आखिर इन बलशाली स्कूल प्रशासन के खिलाफ क्या करता है ? या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा। मानको को ताख पर रखकर नियमो को दरकिनार करके स्कूल प्रशासन अपनी मनमानी करेगा या फिर यातायात पुलिस इस पर कोई एक्शन लेगी यह तो आने वाला समय ही बता सकता है।