कमाल का बिजली विभाग, फाल्ट की शिकायत पर साहब बोले, आदमी नही है प्राइवेट बिजली मिस्त्री से खम्भे पर चढवा कर बनवा लो

मुकेश यादव

मधुबन मऊ: आये दिन बिजली विभाग की लापरवाही से कोई न कोई घटना सुनने में आती रहती है। मगर विभाग है कि खुद की लापरवाही से बाज़ नही आता है। अब तो इन्तहा तब हो जाती है जब विभाग के ज़िम्मेदार पोल से हुवे फाल्ट हेतु शिकायत करने गई जनता को सलाह दे डालते है कि हमारे पास बनाने के लिए आदमी नही है। आप लोग किसी प्राइवेट मिस्त्री को पोल पर चढवा कर बनवा लो। इस बात पर जब मौके पर मौजूद एक सज्जन और पढ़े लिखे इंसान ने उनसे ये कह दिया कि किसी घटना दुर्घटना का ज़िम्मेदार कौन होगा, तो साहब आँखे तरेरने लगे और बोले तो जाओ पड़े रहो अधेरे में मुझे क्या है ? बड़े आये सत्यवादी।

मामला मधुबन तहसील क्षेत्र के रामपुर बेलौली जा है। क्षेत्र में  आज पूरे दिन लाइट नहीं रही।  जानकारी करने पर बताया गया कि फीडर से बेस सप्लाई में कुछ फाल्ट आ गया है। जिसको लेकर कुछ उपभोक्ता रामपुर बेलौली के फीडर पर  जेईई साहब के यहां  शिकायत लिखवाने पहुंचे। तो विद्युत विभाग के एसएसओ विजेंद्र कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा की हमारे यहां कोई कर्मचारी नहीं है। उपभोक्ताओं ने जब विनती किया कि सर किसी तरह बनवा दीजिए। तो एसएसओ साहब ने कहा कि कर्मचारी के अभाव में हम कुछ नहीं करा सकते। अगर आप लोगों के पास कोई कर्मचारी हो तो ले जा करके जुड़वा लें। इस बात को सुनकर वहा मौजूद एक पढ़े लिखे सभ्य इंसान ने कह दिया कि साहब ये तो गैरक़ानूनी है, किसी घटना दुर्घटना होने पर ज़िम्मेदारी किसकी होगी। बस साहब को भी जलाल आ गया। वो तो खैर था कि हवा ठंडी चल रही थी वरना साहब के जलाल की आग में सब शिकायते ख़ाक हो जाती।

साहब ने अपनी गोल गोल आँखों को खूब तरेरा और तरेर कर कहा, बड़े सत्यवादी बनते हो। अगर सत्यवादी बनते हो तो जाओ जाकर अँधेरे में पड़े रहो। फिर न कहना मैंने रास्ता नहीं निकाला। जाओ जब हमारे पास आदमी आएगा तब लाइट बनेगी। दिखाओ अपनी सत्यवादिता को और पड़े रहो अँधेरे में। बहुत इमानदार बन रहे हो न तो जाओ इमानदारी की रोशनी और पंखे में आज रात काटो, जब कल कोई आएगा तो फिर देखेगे कि लाइट बनवाना है या फिर नही।

साहब इतने जलाल में थे कि सभी गए हुवे उपभोक्ता डर गए कि साहब खौफ से उनको जला कर ख़ाक न कर दे। मामले में उपभोक्ताओ ने आपस में विचार विमर्श किया और निर्णय लिया कि भले रात भर पंखा झल कर काम चलाना पड़े मगर कोई गैरकानूनी काम हम नही करेगे। इसके बाद शिकायत करने गए उपभोक्ता वापस अपने अपने घरो को चले गए। समाचार लिखे जाने तक न तो बिजली आई थी और न ही आने की संभावना प्रतीत हो रही थी।

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