भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद हुवे गिरफ्तार, नही लगी बलात्कार की दफाये, पीडिता और उसके तीन साथियों पर भी मामला दर्ज, तीनो साथी भी हुवे गिरफ्तार
आदिल अहमद
लखनऊ: एक लॉ स्टूडेंट के बलात्कार आरोपों से घिरे भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को आखिरकार एसआईटी ने उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। उनका मेडिकल कराया गया, फिर उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से वो 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए। मामले में फिर भी एक ट्वीस्ट है। क्योकि स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर बलात्कार का मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है। एसआईटी कहती है कि उन्होंने रेप के अलावा बाकी सारे गुनाह कबूल कर लिए हैं। जबकि आरोप लगाने वाली लड़की के खिलाफ एसआईटी ने चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर 5 कारोड़ की फिरौती मांगने का मामला दर्ज कर उसके तीन साथियों को जेल भेज दिया है। लड़की की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है।
एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा एक बयान में कहा है कि स्वामी ने लगभग वो सारी चीजें स्वीकार कर ली हैं जो आरोप लगे हैं और जैसे उन्होंने अपनी मौजूदगी स्वीकारी, उन्होंने अश्लील बातचीत करना स्वीकारा, उन्होंने बॉडी मसाज करवाना स्वीकारा, यहां तक उन्होंने पूर्ण रूप से स्वीकार लिया है। चिन्मयानंद पर रेप की बजाय आईपीसी की दफा 376सी के तहत केस दर्ज हुआ है। जिसमें उनके ऊपर उनके लॉ कॉलेज में अपनी पोजिशन का इस्तेमाल कर लड़की को फुसला कर जिस्मानी रिश्ते बनाने का आरोप है।
इससे पहले आज शुक्रवार को अहले सुबह चिन्मयानंद की गिरफ्तारी को विशेष जांच दल ने बेहद गोपनीय रखा। शहर में जिला अस्पताल, वहां से कलेक्ट्रेट तक जाने वाले मार्ग पर, कलेक्ट्रेट से जिला कारागार तक और मुमुक्षु आश्रम के गेट पर भी पुलिसबल तैनात रही।एसआईटी की टीम दर्जन भर से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ चिन्मयानंद को गिरफ्तार करने उनके आवास पर पहुंची थी। इससे एक घंटे पहले पीएसी और पुलिस ने मुमुक्षु आश्रम के सभी द्वारों को घेर लिया था।
इससे पहले चिन्मयानंद की अधिवक्ता पूजा सिंह ने बताया कि एसआईटी की टीम बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ दिव्य धाम पहुंची और उसने चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 23 अगस्त को कथित तौर पर एक वीडियो वायरल कर चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण करने, कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने एवं खुद को तथा अपने परिवार को जान का खतरा होने की बात कही थी।
छात्रा ने 23 अगस्त को वीडियो जारी कर कहा था, ‘मैं शाहजहांपुर के लॉ कॉलेज की छात्रा हूं। संत समाज का एक बहुत बड़ा नेता, जो बहुत लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है और मुझे भी जान से मारने की धमकी देता है। मेरा मोदी और योगी जी से आग्रह है कि मेरी मदद करें। उसने मेरे परिवार तक को मारने की धमकी दी है, मुझे ही पता है कि इस समय मैं कैसे रह रही हूं। मोदी जी मेरी मदद कीजिए। वह संन्यासी पुलिस और डीएम तक को जेब में रखता है, इस बात की धमकी देता है कि कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता। मेरे पास उसके खिलाफ सारे सबूत हैं। मेरा अनुरोध है कि आप मुझे इंसाफ दिलाइए।’
इस मामले में पीड़िता के पिता ने कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था लेकिन इससे एक दिन पहले चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने का मुकदमा पीड़िता के पिता के खिलाफ दर्ज करा दिया। इस बीच पीड़िता गायब हो गई। कुछ दिन बाद उसे राजस्थान से बरामद कर लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने एसआईटी को मामले की जांच का निर्देश दिया था।
वही दूसरी तरफ चिन्मयानंद पर इल्जाम लगाने वाली पीडिता इससे नाखुश है। आरोप लगाने वाली लड़की का कहना है कि जब मैं यहां पर एसआईटी के सामने 161 का बयान देने गई थी, मैंने उस दिन बता दिया था कि मेरे साथ रेप हुआ है, किस तरीके से हुआ है, सब कुछ बताया था। इसके बावजूद चिन्मयानंद पर 376सी लगाई गई, जिस चीज का डर था आखिर वही हुआ है।
इस सम्बन्ध में दूसरी तरफ एसआईटी का कहना है कि चिन्मयानंद लड़की से रेप करने के सवाल पर जवाब नहीं देते। एफआईआर दर्ज से कोई आरोप साबित नहीं होता, लेकिन एसआईटी ने रेप की एफआईआर क्यों नहीं दर्ज किया ये साफ नहीं। चिन्मयानद को 5 करोड़ की फिरौती के लिए ब्लैकमेल करने के इल्जाम में एसआईटी ने आरोप लगाने वाली लड़की और उसके तीन साथियों संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर पर भी मुकदमा दर्ज किया है। तीनों साथियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया लेकिन लड़की को अभी गिरफ्तार नहीं किया है। एसआईटी का कहना है कि केस को ठीक से साबित करने लिए वे उन सबूतों को फिर जुटाने की कोशिश कर रही है जो मिटा दिए गए हैं।
वही राजनैतिक गलियारे से भी गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया आना जारी है, पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पीड़िता की आत्मदाह करने की धमकी और जनता एवं मीडिया की ओर से बने दबाव के कारण उत्तर प्रदेश सरकार यह कार्रवाई करने को विवश हुई।