झारखण्ड में फिर माबलीचिंग – भीड़ द्वारा प्रतिबंधित मांस बेचने के शक में तीन लोगो की बर्बर पिटाई में एक की मौत
अनिल कुमार
रांची: झारखण्ड एक बार फिर मोबलीचिंग का गवाह बना है। इस बार तीन लोगो को भीड़ ने प्रतिबंधित मांस बेचने के शक में इतना मारा कि उनमे से एक की मौत हो गई है और दो गंभीर स्थिति में इलाज करवा रहे है। भले झारखण्ड पुलिस खुद की पीठ थपथपाते हुवे घटना में अभी तक 5 लोगो की गिरफ्तारी कर चुकी है, मगर एक बार फिर हुई इस माबलीचिंग से मानवता खुद को सहमा हुआ महसूस कर रही है।
गौरतलब है कि बहुचर्चित तबरेज़ मोबलीचिंग केस भी झारखण्ड में ही हुआ था। घटना 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां की थी, जहा बाइक चोरी के आरोप में भीड़ की पिटाई के एक सप्ताह बाद 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की भी मौत हो गई थी। तबरेज पूना में वेल्डर का काम करता था और घटना के समय अपने गांव आया हुआ था। इस घटना में पुलिस ने कुल 13 लोगो पर कार्यवाही किया था, मगर पुलिसिया खेल के साथ 11 आरोपियों पर पुलिस ने 304 के तहत आरोप पत्र अदालत भेजा था। मामले की जानकारी मीडिया को होने पर मीडिया ने जमकर झारखण्ड पुलिस के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया। खुद की फजीहत होते देख झारखण्ड पुलिस ने प्रकरण में पूरक आरोप पत्र दाखिल करते हुवे कुल 13 लोगो पर 302 के तहत चार्जशीट अदालत भेजी।
इस बार का प्रकरण खूंटी गाव का है। खूंटी में मॉब लिंचिंग का नया मामला सामने आया है। इस मामले में एक शख्स की मौत हो गई और 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। तीनों लोगों पर ग्रामीणों को शक था कि वो प्रतिबंधित मांस बेच रहे थे। यह जानकारी डीआईजी एवी होमकर ने रविवार को दी।
होमकर ने कहा कि सुबह 10 बजे कर्रा पुलिस स्टेशन के प्रभारी को कुछ ग्रामीणों ने जानकारी दी कि कुछ लोग प्रतिबंधित मांस बेच रहे हैं और ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया है और उनकी पिटाई हो रही है। पुलिस जब वहां पहुंची तो पाया कि तीन लोगों की गांववालों ने पिटाई कर दी है। दो लोगों को इलाज के लिए रांची के रिम्स भेजा गया। एक शख्स की इलाज के लिए ले जाने के दौरान मौत हो गई।
डीआईजी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई जगह छापे मारे और कुल पांच लोगों को पकड़ लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘हम संदिग्धों के आधार पर छापेमारी कर रहे हैं। 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा बाकी लोगों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं।’