वाह लेखपाल साहब- मुटठी गर्म किया तो आय कम और नही किया तो आय ज्यादा
तारिक खान
प्रयागराज। एंटी करप्शन के मीडिया प्रभारी वीरेंदर कुमार मिश्रा द्वारा पूर्व हल्का लेखपाल रामलाल सिंह भवानीपुर, कोरांव, जनपद प्रयागराज पर बड़ा आरोप लगाते हुवे इसकी शिकायत आला अफसरान से किया है। उनके द्वारा पत्र के द्वारा बताया गया कि आय व जाति प्रमाण पत्र जारी करने में काफी हेराफेरी की गई है, घूंस न मिलने पर मनमाने ढंग से अधिक आय की रिपोर्ट लगा दिया जाता हैं, घूंस मिल जाने के बाद उसी लाभार्थी का 1 माह के बाद कम की रिपोर्ट लगाकर आय प्रमाण पत्र जारी करवाया गया है।
इस प्रकार के प्रकरण में ही भवानीपुर के 11 व्यक्तियों के विरुद्ध रिपोर्ट करने का कार्य किया गया है, जिस की पेशी तहसीलदार कोरांव के यहां दिनांक 31 जनवरी 2018 को थी। आरोप है कि कई पुरुष महिलाओं का आय व जाति निरस्त करने व लाभार्थियों से पैसा मिल जाने पर आय व जाति जारी करने हेतु रिपोर्ट लगाने का कार्य किया गया है, जिस के संबंध में शिकायती पत्र तहसीलदार कोरांव के यहां दिनांक 31 जनवरी 2018 को दिया गया था। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी प्रयागराज को भी शिकायती पत्र दिनांक 2 फरवरी 2018 को दिया गया था, जिस के संबंध में जिलाधिकारी के यहां से शिकायती पत्र दिनांक 2 फरवरी 2018 को संदर्भ संख्या-20017518003079 के द्वारा अग्रसारित हुआ है,
जिलाधिकारी के आदेश दिनांक 2 फरवरी 2018 के संबंध में पूर्व उप जिलाधिकारी कोरांव के द्वारा दिनांक 6 मार्च 2018 से जिलाधिकारी को अवगत करवाया गया था कि तहसीलदार कोरांव को प्रकरण में कृत कार्यवाही की आख्या उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया जा रहा है, आय व जाति प्रमाण पत्रों के रिपोर्टिंग में अनियमितता के संदर्भ में राजस्व निरीक्षक द्वारा कोई टिप्पणी नहीं की गई, तहसीलदार कोराव द्वारा शिकायत को निराधार बताया गया, जब की आय व जाति प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण की आख्याओं के प्रेषण में लेखपाल रामलाल सिंह भवानीपुर द्वारा घोर अनियमितता की गई है, जिस के संबंध में लेखपाल को आरोप पत्र जारी किया जा रहा है,
वीरेंदर मिश्रा ने बताया कि जांच आख्या के संबंध में मिथ्या आख्या प्रस्तुत करने के संबंध में तहसीलदार कोरांव व राजस्व निरीक्षक बड़ोखर का स्पष्टीकरण भी मांगा जा रहा है, उप जिलाधिकारी कोरांव के पत्रांक संख्या-40 दिनांक 16 मई 2018 व पत्रांक संख्या-242 दिनांक 11 जुलाई 2018 जारी किए जाने के बाद भी जब जांच कार्यवाही नहीं की गई। तब उप जिलाधिकारी को राव से मुलाकात करके शिकायती पत्र दिनांक 30 जुलाई 2018 को दिया गया, तथा जन सूचना अधिकार के तहत तहसीलदार कोरांव से रजिस्टर्ड पत्र दिनांक 16 अगस्त 2018 से सूचना मांगी गई थी, सूचना न मिलने पर उप जिलाधिकारी कोरांव को शिकायती पत्र दिनांक 28 अगस्त 2018 को दिए जाने के साथ-साथ जिलाधिकारी प्रयागराज से मुलाकात कर 30 अगस्त 2018 को शिकायती पत्र जांच कार्यवाही के लिए दिया गया था, इसके अलावा माननीय राजस्व मंत्री उत्तर प्रदेश लखनऊ, को रजिस्टर्ड शिकायती पत्र दिनांक 30 अगस्त 2018 को दिया गया था, जांच के संबंध में दिनांक 22 अक्टूबर 2018 को उप जिलाधिकारी कोराव शिवानी सिंह के मोबाइल नंबर-7355373163 पर मोबाइल नंबर-7897927841 से दोपहर 2:39 मिनट पर जांच कार्यवाही के संबंध में बात किया की तहसीलदार कोरांव अनीता देवी दिनांक 1 अक्टूबर 2018 को पत्र जारी करके, आपको यह अवगत करवाये है कि अपचारिक कर्मचारी के द्वारा अपने पदेन दायित्व के निर्वहन में उदासीनता बरती गई है, जो अत्यंत लापरवाही का द्योतक है, यद्यपि अपचारी कर्मचारी के द्वारा जारी प्रमाण पत्रों के संबंध में निरस्तीकरण की कार्यवाही पूर्व में की जा चुकी है,
वीरेंदर मिश्रा ने बताया कि अपचारी कर्मचारी पर लगाए गए आरोप आंशिक रूप से सिद्ध पाया गया है जिसके लिए अपचारी कर्मचारी का 1 माह का वेतन अदेय किए जाने एवं भविष्य के लिए कठोर चेतावनी प्रस्तावित की जाती है, तब उप जिलाधिकारी ने वीरेंद्र कुमार मिश्र से कहा कि डीएम ने इसके प्रतिउत्तर में कहा कि आप चाहते हैं कि मैं लेखपाल को गोली मार दूं इतना कहकर मोबाइल डिस्कनेक्ट कर दिया गया, उप जिलाधिकारी शिवानी सिंह के कार्यालय के पत्रांक संख्या 760 दिनांक 27 अक्टूबर 2018 को यह आदेश जारी किया गया कि हल्का लेखपाल रामलाल सिंह क्षेत्र भवानीपुर का 1 माह का वेतन रोका जाए,
उन्होंने बताया कि इस संबंध में उप जिलाधिकारी कोरांव शिवानी सिंह से जन सूचना अधिकार के तहत दिनांक 27 नवंबर 2018 को सूचना मांगी गई थी एवं जन सूचना अधिकार के तहत उप जिलाधिकारी कोरांव से दुबारा 29 मार्च 2019 को सूचना मांगी गई थी ,जिसके मांगी गई सूचना के संबंध में जून 2019 को सूचना उपलब्ध करवाई गई थी, जबकि लेखपाल को सस्पेंड किया जाना चाहिए f।i।r। किया जाना चाहिए परंतु ऐसा नहीं किया गया, ऐसे भ्रष्ट एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किया जाना नितांत आवश्यक होगा, ताकि ऐसी गलती कोई भी अधिकारी व कर्मचारी न कर सके