पत्रकारो के हमलावरो को नही पकड़ पाई पुलिस, शासन प्रशासन पर पूरा दबाव

सरताज खान

गाजियाबाद लोनी। बीते 19 सितम्बर को लोनी भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर के कार्यालय पर हुआ पत्रकार पर जानलेवा हमले के प्रकरण में 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस हमलावरो तक नही पहुंच पाई है या यूं कहिये कि राजनीतिक दबाव में जानबूझकर पुलिस हमलावरो को गिरफ्तार नही कर पा रही है। दूसरी और पीड़ित पत्रकारो ने पुलिस की नाकामी से अपनी जान के खतरे का अंदेशा भी जताया है। जिनका कहना है कि पुलिस ने जल्द ही हमलावर गिरफ्तार नही किये तो वे उन पर दोबारा हमला कर सकते है।

हालांकि बीते मंगलवार को प्रदेश में सपा के देश व्यापी धरना प्रदर्शन के दौरान लोनी में विपक्ष ने दोनो पत्रकारो के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और पुलिस हल्की सी हरकत में आई और 13 दिन से हमलावरो को फरार होने की खुली छूट देने वाली लोनी बॉर्डर पुलिस ने पत्रकार से हमले के दौरान लूटे गये मोबाइल फोन में इस्तेमाल किये गये फोन नम्बर मांगे और जल्द ही पीड़ित पत्रकार को खुलासे का आश्वासन दिया। पुलिस की कार्यशैली से मीडिया जगत में रोष व्याप्त है।

पीडित पत्रकारो का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर हमलावरो को गिरफ्तार नही कर रही है। लोनी भाजपा विधायक के इशारे पर उनके रिश्तेदार विकास मावी व प्रतिनिधि प0 ललित शर्मा द्वारा उन पर गुंडे बुलाकर जानलेवा हमला कराया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के ढुलमुल रवैया व राजनीतिक दबाव में सत्ताधारी पार्टी के विधायक उन पर दोबारा हमला हो सकते है तथा सूत्रों की माने तो गुंडों को बचाने के लिये उन्हें पुलिस से मिलकर किसी झूठे आरोप में फसाने का भी लगातार षड्यंत्र रचा जा रहा है। पीडित पत्रकारो का दावा है कि हमले के समय मौके पर मौजूद विधायक प्रतिनिधि ललित शर्मा व रिश्तेदार विकास मावी से पुलिस पूछताछ हो तो तुरन्त घटना का खुलासा हो जाएगा और सभी हमलावर जेल की सलाखों के पीछे होंगे। लेकिन आज तक उनसे भी पुलिस ने पूछताछ नही की।

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