प्रयागराज दुर्घटना – रो उठा शहर-ए-बनारस, जब तीनो दोस्तों ने रुखसत किया साथ साथ दुनिया, शहर के अलग अलग कब्रिस्तानो में लगभग एक ही वक्त में हुवे सुपुर्द-ए-खाक
तारिक आज़मी/ए जावेद/आफताब फारुकी
प्रयागराज। वह सभी हम उम्र थे। सभी में काफी गहरी दोस्ती थी। एक साथ बचपन बीता। एक साथ खेल कूद कर बड़े हुवे। इलाके के लोग उनकी दोस्ती की मिसाले दिया करते थे। ऐसी दोस्ती जिसका उदहारण लोग दांत काटी रोटी के तर्ज पर दिया करते थे। उनमे बाबु तो सुन्नी समुदाय का था, मगर मुहर्रम पर अपनी दोस्ती निभाने रहबर और इरफ़ान के साथ मजलिसो में भी जाता था। वो सभी सुबह और शाम एक बार मुलाकात ज़रूर करते थे। दोस्ती तो देखे साहब लोग कहते है जियेगे साथ साथ और मरेगे साथ साथ। हुआ भी कुछ ऐसा ही कि वह सभी बचपन से साथ साथ थे, और दुनिया से रुखसत भी साथ साथ हुवे। तीनो अलग अलग कब्रिस्तानो में सुपुर्द-ए-खाक भी लगभग साथ साथ वक्त पर हुवे।
प्रयागराज के हंडिया में दुर्घटनाग्रस्त हुई कार में मरने वाले वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र स्थित चौहट्टा लाल खान निवासी युवको शाहिद उर्फ़ बाबु, रहबर और इरफ़ान हैदर की लाशें जब अपने अपने घरो को आई तो सिर्फ परिजन ही नही बल्कि अहल-ए-मोहल्ला सिसकिय ले बैठा। पत्थर दिल की भी आँखे आंसू बहा बैठी। सिर्फ चौहट्टा लाल खान ही नही बल्कि हल्का-ए-आदमपुर मायूस था। आज रात पोस्टमार्टम के बाद तीनो युवको की लाशें प्रयागराज से वाराणसी अपने अपने पैत्रिक आवास पर आई। इस दौरान रहबर की मय्यत को आखरी दीदार के लिए जहा मदरसा इमानिया में रखा गया वही इरफ़ान की मय्यत को चौहट्टे के इमामबाड़े में रखा गया। शादाब की मय्यत उसके पैत्रिक आवास से उठी। तीनो के आखरी सफ़र में कन्धा देने हज़ारो की संख्या में लोग आये थे। तीनो लगभग एक ही वक्त में शहर के अलग अलग कब्रिस्तानो में सुपुर्द-ए-खाक हुवे।
घटना के सम्बन्ध में हमारे प्रयागराज स्थित प्रतिनिधि ने बताया कि हंडिया के उपरदहां में गुरुवार रात को हुए एक्सीडेंट में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि उपचार के दौरान एक और युवक की मौत हो गई। कार में कुल छह युवक स्वर थे। जबकि दो की हालत गम्भीर बनी हुई है। सभी को इलाज हेतु एसआरएन में भर्ती कराया गया था।
वाराणसी थाना आदमपुर क्षेत्र के चौहट्टा लाल खां के आस पास इलाको क्रमशः ज़ेर-ए-गुलर के रहने वाले शाहिद उर्फ बाबू (22) पुत्र हबीर्बुरहमान, चौहट्टा लाल खान निवासी इरफान हैदर (22) पुत्र शब्बीर हसन, मुकीमगंज रहबर (24) पुत्र खिजिर अब्बास एवं शफीक हैदर (24), दानिश अब्बास (24) और नातिश अब्बास (17) कौशाम्बी जिले के मंझनपुर में एक मजलिस, मातम में शामिल होने के लिए गुरुवार को वाराणसी से कार द्वारा निकले थे। इस मजलिस में शामिल होने के लिए और भी लगभग 50 युवक बस द्वारा रात 12 बजे वाराणसी से निकलने वाले थे।
जैसे ही उनकी कार हंडिया थाना क्षेत्र के उपरदहां पहुची गलत दिशा से आ रही डीसीएम और कार में आमने सामने जबरदस्त टक्कर हो गई। टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि कार के परखचे उड़ गये थे। पुलिस के अनुसार दुर्घटना में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। कार सवार सभी को बाहर निकालने के लिए कार के दो दरवाजों को काटना पड़ा। दूसरी तरफ डीसीएम का ड्राइवर दुर्घटना के बाद ट्रक छोड़कर फरार हो गया।
कार का दरवाज़ा काट कर जब कार सवारो को बाहर निकाला गया तो मौके पर ही शाहिद और इरफान हैदर की मौत हो चुकी थी। एसआरएन में रहबर, शफीक हैदर, दानिश अब्बास और नातिश को इलाज के लिए भर्ती किया गया था। गुरुवार की देर रात रहबर की हालत नाजुक होने पर उसे निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई। अन्य घायलो में शफीक हैदर और दानिश अब्बास की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि नातिश की हालत सामान्य हो चुकी है।
दुर्घटना की जानकारी होने पर रात को ही वाराणसी से परिजन प्रयागराज पहुच चुके थे, वही पोस्टमार्टम हाउस पर शिया जामा मस्जिद के इमामे जुमा वल जमात हसन रजा जैदी, सै०मो०अस्करी, अनीस जायसी, शिराज रिजवी, शबीह हसन, अब्बास मुजफ्फर, औन जैदी, सूफी हसन समेत सैकड़ो लोग अन्तिम समय तक डटे रहे। पोस्टमार्टम के बाद सभी मय्यत वाराणसी के लिए चली गई।