बुलेट के नंबर प्लेट पर लिखा था “आई त लिखाई”, इन्स्पेक्टर भेलूपुर ने गाड़ी किया सीज और पैरवी करने वालो से कहा, जब लिखाई तब्बे थाना से जाई
तारिक आज़मी
वाराणसी। वैसे आज कल के युवको का अजीबो गरीब फैशन उनके वाहनों पर भी देखने को मिलने लगा है। कोई लाइट से बाइक को सजाये रहता है तो कोई स्पेशल तरीके के प्रेशर हार्न से सजाये रहता है। कुछ गाडियों में लगे प्रेशर हार्न तो सुनकर कान के परदे हिलने लगते है। इधर बीच नंबर प्लेट पर अजीबो गरीब किस्म के डायलाग लिखने का फैशन चला हुआ है। जैसे पहले ट्रको के पीछे लिखा रहता था, वही कल्चर आज कल के नव युवा इस्तेमाल कर रहे है।
इसी तरीके के फैशन में चूर एक बाइक सवार को बाइक के नंबर प्लेट पर नंबर की जगह अपनी दिमागी सोच फैशन में लिखवाना आज भारी पड़ गया और गाडी ही सीज हो गई। हुआ कुछ इस तरह की इस्पेक्टर भेलूपुर की नज़र एक बुलेट मोटरसायकल पर पड़ी, जिसके नंबर प्लेट पर लिखा था “आई त लिखाई।” देखने में अटपटा सा लगने के कारण इस्पेक्टर भेलूपुर ने बाइक रुकवा कर इसका कारण पूछा तो युवक बहुत जोश में निकला। बाइक सवार युवक ने मुस्कुराते हुवे पुरे जोश में कहा कि रजिस्ट्रेशन नंबर अभी नही मिला है। आएगा तो नंबर लिखवा देंगे। युवक के जोश की इस पराकाष्ठ को देखते हुवे इस्पेक्टर भेलूपुर ने अपने हमराहियो को बाइक थाने ले जाने का आदेश दिया और कुछ ही देर में बाइक थाना भेलूपुर की शोभा बढाने लगी।
अब परेशान युवक ने अपने परिचितों से जुगाड़ लगवाना शुरू किया और लोगो ने बाइक छोड़ने की पैरवी भी शुरू कर दिया। मगर इस बार इस्पेक्टर भेलूपुर भी पुरे मूड में आ चुके थे, उन्होंने सभी पैरोकारो को एक ही जवाब दिया कि “बाइक के पीछे लिखा है आई त लिखाई, तो अब जब लिखाई तब्बे बाइक थाना से जाई।” हर पैरवी करने वाला इस जवाब से आवक रह जा रहा था और बाइक समाचार लिखे जाने तक थाने में ही खडी हुई थी। इस घटना को लेकर चर्चोओ का बाज़ार पुरे दिन गर्म रहा और लोग बाग़ चाय पान की दुकानों से लेकर सोशल मीडिया तक पर इस्पेक्टर भेलूपुर की प्रशंसा करते दिखाई दे रहे थे। साथ ही घटना के सम्बन्ध में एक दुसरे को बताते हुवे उनके चेहरों पर मुस्कराहट नज़र आ रही थी।