आईएनएक्स मीडिया केस – चितम्बरम के खिलाफ सीबीआई ने दाखिल किया चार्जशीट, सुप्रीम कोर्ट में ज़मानत पर हुई सुनवाई पूरी, अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
अब्दुल बासित मलक
नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम और कंपनियों समेत कुल 15 लोगों व निकायों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच जारी है। उसने बताया कि सिंगापुर एवं मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
पी चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि भले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई हो लेकिन वो जमानत ना देने का आधार नहीं हो सकता है। सिब्बल ने कहा कि अगर इनके आरोप-पत्र के हिसाब से मैं दोषी हूं तो ये निचली अदालत में साबित करें। इस बात को जमानत की सुनवाई के दौरान लाने का कोई मतलब नहीं है। मैं सभी सवालों का जवाब ट्रायल के दौरान दूंगा।
सिब्बल ने 2-जी मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि 2-जी मामले में भी गंभीर आरोप लगे थे लेकिन परिणाम क्या हुआ? सिब्बल ने कहा कि इसको लेकर कोर्ट का फैसला है। पी चिदंबरम के वकील सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम का वजन जेल में रहने के दौरान लगातार घट रहा है। उनका वजन 73 किलो से 68।5 किलोग्राम हो गया है। घर के खाने के बावजूद उनकी सेहत गिर रही है। सर्दियों में उनको डेंगू होने का भी खतरा भी है। उनको जेल में रखकर एजेंसी को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। सीबीआई के पास चिदंबरम के खिलाफ सीधा कोई सबूत नहीं है। सिर्फ प्रताड़ित करना ही एजेंसी का मकसद है क्योंकि चिदम्बरम गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते। वैसे भी गवाहों की सुरक्षा का ज़िम्मा सरकार का ही है।
वही दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने ज़मानत का विरोध करते हुवे अदालत को बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नहीं बल्कि पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया। इस मामले में चिदंबरम, उनके बेटे, अफसरों व कंपनियों समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। एक गवाह ने प्रभावित करने की कोशिश की बात कही है। उसकी जानकारी सील कवर में सीबीआई कोर्ट को दी गई है। वह गवाह इंद्राणी मुखर्जी नहीं है।
ज़मानत के विरोध में सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम को जमानत नहीं दी जानी चाहिए इससे गवाहों को प्रभावित करने की गंभीर आशंका है। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है और मनी लॉन्ड्रिंग भी चल रही है। सरकार की करप्शन को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में अफसर सिंधुश्री खुल्लर को भी आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने कहा कि उनकी फ्लाइट रिस्क बरकरार है। कई उदाहरण हैं कि देश में संपत्ति होने के बावजूद लोग भाग गए। चिदंबरम को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केवल आईएनएक्स ही एक ऐसा मामला नहीं है जिसकी जांच चल रही है। बल्कि पी चिदंबरम जब वित्त मंत्री थे उस दौरान की सभी FIPB के एप्रूवल को लेकर जांच चल रही है।