कमलेश तिवारी हत्याकांड – देखे हत्यारों का सीसीटीवी फुटेज, पुलिस के शक में गुजरात कनेक्शन
ए जावेद
लखनऊ: कट्टर हिदुवादी छवि के नेता और हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में कुछ सुराग हाथ लगे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक हत्यारे भगवा कपड़े पहने हुए थे और मिठाई के डिब्बे हाथ में लिये थे जिसमें पिस्टल और चाकू छिपा रखा था। पुलिस को मौके से .32 बोर की पिस्टल, कारतूस का खोखा मिला है। गुजरात की दुकान का एक डिब्बा मिला है। कमलेश तिवारी और हत्यारों के बीच आपसी जान पहचान होने की बात इस कारण भी कही जा रही है कि हत्यारे कमलेश के साथ काफी देर बैठे रहे और बात करते रहे। इस दौरान कमलेश ने अपने नौकर से सिगरेट भी मनवाया था।
ऐसा माना जा रहा है कि हमलावारों ने पहले गोली मारी थी और फिर धारदार हथियार से गला रेत दिया और वहां से फरार हो गए। कमलेश को किंग जार्ज मेडिकल युनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद सीएम योगी ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी से मामले की रिपोर्ट तलब की है। इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसको संभवतः हत्यारों का माना जा रहा है।
बताते चले कि कमलेश तिवारी और विवादों के बीच पुराना नाता रहा है। साल 2014 में उन्होंने सीतापुर जिले के सिधौली में एक सभा में अपनी जमीन पर गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। साल 2015 में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब पर अपमानजनक टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनके ऊपर एनएसए लगा दिया गया था। कमलेश के इस बयान पर बिजनौर के मौलाना ने उनके सिर पर ईनाम का भी ऐलान कर डाला था। कमलेश की पत्नी ने मौलाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है।
इसी बीच योगी सरकार बनने के बाद कमलेश तिवारी ने एक धरने में मांग किया था कि आज़ादी के समय जब मुसलमानों को अलग ज़मीन देकर पाकिस्तान का निर्माण किया गया था तो फिर अब वो भारत में क्यों है ? मुसलमानों को पाकिस्तान भेजा जाए। इस मामले में भी कमलेश तिवारी के नाम पर काफी विवाद हुआ था। आज भी उनके कई विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे है। मई 2018 के शुरुआत में कमलेश तिवारी ने नाथूराम गोडसे की प्रतिमाये लगा कर उसकी पूजा करने का एलान किया था और इसके लिए तारिख तय करते हुवे 28 मई का दिन भी मुक़र्रर कर दिया था।
आपको बता दें कि लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में करीब दोपहर 11:46 बजे भगवा कुर्ता पहने दो लोग कमलेश के ऑफिस पहुंचे। इसी इमारत के एक हिस्से में कमलेश रहते भी हैं। उनका एक कार्यकर्ता ही हत्यारों को उनके पास ले गया था। बताया जा रहा है कि कमलेश ने उनके लिए घर से चाय नाश्ता भी मंगवाया था। फिर इसके बाद अपने कार्यकर्ता को पान मसाला लाने के बाहर भेजा। जब वह वापस आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ पाया। कमलेश की दिन दहाड़े हुई हत्या से हड़कंप मच गया और उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। जब उनका शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया तो उनके समर्थकों ने तोड़फोड़ भी की। फिलहाल जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कमलेश के शव को अंतिम संस्कार के लिए सीतापुर स्थित उनके पैतृक आवास भेजा जाएगा।