मौत को दावत देती बिजली विभाग की नई तकनीक, शीशम के पेड़ पर बिजली के तार
ब्रजेश
कुशीनगर. जनपद के तरया सुजान विद्युत सब स्टेशन के अधिकारियो को मौत का खेल खेलने का शौक चढ़ा हुआ है। तभी तो यहाँ बिजली के पोलो के बजाये विद्युत तारो को शीशम के पेडो से होकर गुज़ारा जाता है। इसके बावजूद भी विभाग के ज़िम्मेदार सो रहे है। शायद उनकी नींद ऐसी कुम्भकर्णनिया निंद्रा है जो किसी बड़ी घटना दुर्घटना के बाद ही टूटे।
सरया खुर्द फीडर के बसडीला बुजुर्ग की यह तस्वीर साफ़ साफ़ बयान कर रही है कि ज़िम्मेदार कितने लापरवाह है। तरया सुजान सब स्टेशन पर तैनात अधिकारी अपने इस नई तकनीक से काफी हद तक सरकारी पैसे को अपने जेब मे भरने मे शायद कमयाब हो गये है। शायद ज़िम्मेदार खुद की कुर्सियों से ऐसे चिपके पड़े है कि उनको क्षेत्र की हाल देखने तक की फुर्सत नही है। या फिर यहाँ के पोल हेतु आया हुआ सरकारी धन बंदरबाट की भेट चढ़ चूका होगा। सवाल एकदम वाजिब है कि आखिर किसने इन पेडो पर बिजली के पोल लगाये है। अगर कोई घटना दुर्घटना होती है तो फिर ज़िम्मेदार कौन होगा ?
बिलकुल सही है कि तस्वीरे आपको हैरान कर रही होंगी। मगर हकीकत है कि जिम्मेदारो को इससे फर्क नही पड़ता है। उनका तो शायद बस नही चला वरना लोगो के घरो की दीवारों और मुंडेरो को वह बिलजी के पोल की तरह प्रयोग कर लेते। उनको क्षेत्र की आम जनता की जान माल के लिए फिक्रमंद होने की ज़रूरत ही क्या है ? जनता की जान है वह खुद से बचाये। ज़िम्मेदार अधिकारियो को इससे फर्क नही पड़ता कि जनता जीती है अथवा मरती है।