वायरल बुखार, डेगू, सर्दी, जुकाम से बचाव हेतु क्या करें ,क्या न करे
संजय ठाकुर
इस समय वायरल बुखार, डेंगू, सर्दी और ज़ुकाम की शिकायते आम हो गई है. इस परिस्थितयो में हमारे ध्यान न देने से गंभीर स्थिति तक में मरीज़ पहुच जाते है. आइये देखते है ऐसे स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिये
क्या करें
किसी प्रकार का ज्वर या बुखार होने पर नजदीक के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रोगी को इलाज हेतु ले जायें।
मच्छर से बचाव के उपाय जैसे मच्छरदानी तथा मच्छर मार अगरबत्ती का उपयोग करें तथा बदन को ढकने वाले पुरे आस्तीन के वस्त्र व मोजे पहनें।
हमेशा इन्डिया मार्क हैण्डपम्प का पानी पेय जल के रूप में उपयोग करे। पीने का पानी साफ बर्तन में ढक कर रखें।
प्रतिदिन ताजा एवं घर पर बने खाद्य पदार्थ का सेवन करें।
शौच के बाद तथा खाने से पहले साबुन से हाथ को अच्छी तरह धोयें।
घर के आस-पास साफ-सफाई रखें। घर का कूडा-करकट कुडेदान में डालेें।
शौच के लिए हमेशा पक्के स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करेें।
घर में रखे कूलर,बाल्टी,घडे, आदि का पानी प्रति सप्ताह बदलते रहे।
घर के आस पास पानी लगने वाले स्थानो में मिट्टी भर दें या ऐसे स्थान पर मिट्टी का तेल या जले हुए मोबिल की कुछ बुद डालें।
ज्वर पिडित मरीज को तरल पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिये तथा अजवाइन,अदरक, चाय ,काली मिर्च,तुलसी,सहजन की पत्ती आदि को पका कर सेवन कराये, गिलोय के काढा का सेवन करे ।
बुखार आने पर खून की जांच अवश्य कराये ।
बुखार में केवल पैरासिटामाल का ही प्रयोग करे
हर रविवार मच्छर पर वार अत्यन्त प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करें।
क्या ना करें
किसी प्रकार का ज्वर या बुखार होने पर नीम-हकीम या झोला छाप डाक्टर से इलाज न करायें। रोगी के इलाज में विलम्ब न करें।
खुले बदन न रहें।
साधारण एवं छिछले हैण्डपम्प के पानी का उपयोग पेय जल के रूप में न करे। पीने का पानी कच्चे घडे तथा खुले में न रखें।
बासी भोजन तथा कटे-फटे एवं सडे-गले साग-सब्जियों का उपयोग न करें।
शौच के बाद तथा खाने से पहले मिट्टी से हाथ न धोयें।
घर के आस-पास गन्दगी एवं जलभराव न होने दें।
खुले में शौच न करें।
घर के आस पास, आंगन व छत पर पुराने टूटे फूटे बर्तन,नारियल का खोल टायर,आदि में पानी एकत्र न होने दें।
डेगू बुखार में रोगी को बिना मच्छरदानी के न रहने दे।
ठोस पदार्थ का सेवन कम से कम करे।
बिना चिकित्सक की सलाह के दवा न लेवे।
एस्प्रीन, कार्टीसोन का प्रयोग कदापि न करे।