पत्रकार हमला प्रकरण में फर्जी तहरीर देकर भाजपा नेता बना रहे है अनैतिक दबाब
सरताज खान
गाजियाबाद लोनी। करीब डेढ़ महीने पहले विधायक कार्यालय पर धरना देने गये पत्रकारो पर जानलेवा हमले के प्रकरण में अभी पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई तो होती नही दिख रही थी। पर मुकदमा वापिस न लेने पर भाजपा नेताओं द्वारा पत्रकारो को फर्जी मुकदमो में जेल भिजवाने की तैयारी जरूर शुरू हो गयी है। सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता कोई भी कसर नही छोड़ना चाह रहे है ,बल्कि यह भी कह सकते है कि लोनी में कुछ भाजपा नेता अपने को खुदा समझ बैठे है। जिनकी सोच है कि लोनी की जनता हमारे बिना सांस भी न ले।
अब कोई उन नेताओं से पूछे कि लोनी की जनता ने उन्हें क्या इसीलिये जनप्रतिनिधि चुना था कि वही जनप्रतिनिधि उनका खून चूसे ,अपने गुंडों से पिटवाये ,फर्जी मुकदमे कर जेल भिजवाये और उन्हें रोकर किसी को बताने भी न दिया जाये। अगर बताएंगे तो सत्ता की हनक में प्रशासन पर दबाव बनाकर जेल में डलवा दिया जाये। ऐसा ही एक वाकया लोनी में चल रहा है। जहाँ पीड़ित जनता नही बल्कि उन नेताओं से निशाने पर विशेष समुदाय के पत्रकार है। यह हैरतअंगेज मामला लोनी विधान सभा क्षेत्र का है। जहाँ बीते 19 सितम्बर को लोनी भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर के कार्यालय पर 6 पत्रकारो में से केवल विशेष समुदाय के 2 पत्रकारो को 7-8 नकाबपोश बदमाशो द्वारा बेहोशी तक बेरहमी से लाठी डंडो से पीटा था और एक पत्रकार का महंगा मोबाइल फोन लूटकर बदमाश फरार हो गये थे। जिस सम्बन्ध में सम्बन्धित लोनी बॉर्डर थाने में मुकदमा लिखा हुआ है।
लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते डेढ़ महीने बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई तो करना दूर की बात है ,अभी तक विवेचक द्वारा पीड़ित पत्रकारो के बयान तक दर्ज नही किये गये। पीड़ित पत्रकारो द्वारा लगातार मांग करने पर इंसाफ तो नही मिला ,उल्टा पीड़ित पत्रकारो पर अनुचित दबाव बनाने के लोनी थाने में भाजपा नेता अलीमुद्दीन अंसारी द्वारा फर्जी तहरीर दे दी गयी। हालांकि पीड़ित पत्रकारो ने भी सीओ लोनी से मिल प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है तथा पुलिस से जांच में हरसम्भव सहयोग का आश्वासन भी दिया है।
वही पीड़ित पत्रकारो का आरोप है कि धरने से खफा होकर उन पर लोनी विधायक द्वारा हमला कराया गया है और अपने गुंडों को बचाने के लिये अनैतिक दबाब बनाते हुए उनके खिलाफ भाजपा नेता अलीमुद्दीन अंसारी द्वारा फैसले का दबाव बनाने के उद्देश्य से तहरीर दिलवाई गयी है तथा लगातार फर्जी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दोनो पीड़ित पत्रकारो को ही पुलिस पर जेल भिजवाने का अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि गुंडों से हमे ही बेरहमी से पिटवाया गया है और वे पत्रकार होने के नाते कानून पर आस्था रखते है और अपने दर्ज मुकदमे में पुलिस से निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग करते आ रहे है कि उनके असली हमलावरो को पकड़ो। क्या उन्हें पुलिस से मांग करना भी अपराध है। जो सत्ता के जोश में उन्हें फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने की तैयारी की जा रही है। यह तो वही वाली बात हो गयी कि पीटेंगे और रोने भी नही देंगे।
बहरहाल पुलिस जांच में कुछ भी हो या कोई भी जेल जाए। लेकिन यह एक कड़वा सच है कि लोनी की ऐसी राजनीति होगी इसकी जनता ने कल्पना भी नही की थी। जब यहां पत्रकार भी निष्पक्ष पत्रकारिता नही कर सकते तो जनता कैसे सांस ले रही होगी ,यह एक विचार करने योग्य बात है।