उच्चाधिकारियों के अपील के बाद आखिर खत्म हुआ दिल्ली पुलिस का धरना, पुलिस कर्मी लौटे अपने काम पर
हर्मेश भाटिया
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुए झड़प को लेकर दिल्ली पुलिस के जवानों ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिसकर्मियों ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर न्याय देने की मांग की। दिल्ली पुलिस के जवानों में इस घटना को लेकर कितना गुस्सा हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने आला अधिकारियों के अनुरोध के बाद भी ड्यूटी पर लौटने से इनकार कर दिया।
राजधानी में दिल्ली पुलिस के जवानों के धरने के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस पूरे मामले को लेकर गृहमंत्रालय ने भी एक रिपोर्ट मांगी है। उधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट को लेकर बार काउंसिल को नोटिस जारी किया है। इसके बाद दिल्ली पुलिस के जवानों ने PHQ के बाहर चल रहे अपने प्रदर्शन को खत्म करने के फैसला किया है। बता दें कि आला अधिकारियों ने उनसे प्रदर्शन खत्म करने का अनुरोध किया था। दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमुल्य पटनायक ने विरोध प्रदर्शन कर रहे जवानों से ड्यूटी पर वापस आने की अपील की।
दिल्ली पुलिस गृहमंत्रालय और उपराज्यपाल के अधीन आते हैं। इस वजह से ही दिल्ली पुलिस के जवान सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के जवान दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस पूरे मामले की न्यायायिक जांच कराने से भी गुस्सा हैं। अब इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल से बुधवार तक जवाब मांगा है। केंद्रीय मंत्री किरन रिजीजू ने इस घटना के बाद एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि पुलिस वालों का काम एक थैंक्सलेज जॉब। इस पूरे मामले में आईपीएस संगठन ने भी दिल्ली पुलिस के जवानों का साथ दिया है।
कांग्रेस ने इस पूरे घटना की कड़े शब्दों ने निंदा करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मैं गृहमंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि जब पुलिस के जवान सड़क पर पीटे जा रहे थे तो वह कहां गायब हैं। बता दें कि वकीलों द्वारा की गई पिटाई में 20 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है।