चरमराई साफ़ सफाई व्यवस्था, अपने हाथों से जनता को साफ करना पड़ रहा है चेंबर
प्रदीप दुबे विक्की
भदोही। नगर पालिका परिषद के पास काफी संख्या में सफाई कर्मचारी हैं। लेकिन इसके बाद भी जनता को अपने हाथों से चेंबर साफ करना पड़ रहा है। यह नगर पालिका परिषद की लापरवाही और मनमानी नहीं तो और क्या है। इस तरह का दृश्य नगर के वार्ड संख्या 5 घमहापुर में देखने को मिला। जहां पर सफाई कर्मचारियों का दर्शन नहीं होता।
नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार भी वार्ड की सुधि लेने के लिए नहीं जाते। नतीजा सफाई कर्मचारी लापरवाही और मनमानी पर उतारू हो गए हैं। चेंबर भर जाने के कारण पानी पास नहीं होता और गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों के रास्ते लोगों के घरों में घुस जा रहा। जिससे आजिज आकर वार्ड की एक महिला सफाई का कोई यंत्र न होने के कारण अपने हाथों से चेंबर में जमे गंदे सिल्ट को निकालना शुरू कर दी। ताकि उनके घर में गंदा पानी न जा सके। यह तो सिर्फ एक बानगी है। नगर के सभी आंतरिक मोहल्लों की यही हाल है। जहां पर वहां की जनता नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। वैसे केंद्र से लेकर प्रदेश तक की भाजपा सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर गंभीर है।
लेकिन भदोही नगर पालिका परिषद द्वारा इस अभियान की अनदेखी की जा रही है। जबकि नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा के ही अध्यक्ष विराजमान हैं। लेकिन उनके द्वारा न जाने क्यों ऐसा किया जा रहा है। यह बात नगरवासियों के समझ से बिलकुल परे की बात है। यहां पर तो स्वच्छता अभियान के नाम पर सिर्फ ढोंग रचा जा रहा है। सिर्फ फोटो खिंचवाकर कार्यक्रम की इतिश्री कर ली जा रही है। अगर नगर में सड़कों व गलियों में वहां के लोगों को ही झाड़ू लगाकर साफ-सफाई करनी है और नाले, नालियों व चेंबरों में जमा सिल्ट को निकालना है तो नगर पालिका परिषद भारी संख्या में क्यों सफाई कर्मचारियों को रखकर बेवजह वेतन दे रहा है।
भले ही आपको फोटो देख कर लाख ग्लानी आ रही हो मगर नगर पालिका परिषद् के कर्ताधर्ताओ पर इसका कोई असर पड़ने वाला नही है। वह तो अपनी आराम कुर्सी पर बैठ कर वातानुकूलित कमरे से ही व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद में लगे है।