युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा पहले JNU छात्रों की फीस बढ़ाई फिर लाठीचार्ज करवा दिया; किस तरह का भारत बनाना चाहती है बीजेपी
संजय ठाकुर
नई दिल्ली. भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास निर्देश में जगह-जगह विश्वविद्यालय में बढ़ रही फीस के खिलाफ कहां की देश के गरीब मजदूर किसान और आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्रों को पढ़ने का अधिकार छीना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी पिछले 20 दिनों से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों की फीस बढ़ोतरी को लेकर आंदोलन चल रहा है।
उन्होंने कहा कि जेएनयू में अधिकांश पर छात्र आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग से ताल्लुक रखते हैं, जो बड़े महंगे विश्वविद्यालय में पढ़ने की जिनकी आर्थिक क्षमता नहीं है। वही छात्र दिन रात मेहनत करके योग्यता के आधार वहां पर प्रवेश पाते हैं। कल छात्रों ने जब फीस बढ़ोतरी पर अपना आक्रोश प्रकट किया तब सरकार ने बेरहम तरीके से लाठीचार्ज करवा दिया।
दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अनिल मीणा ने कहा कि सरकार फिलहाल देश के छात्रों के साथ दुश्मन देशों से भी बदतर बुरा व्यवहार कर रही है। जिस सेना का इस्तेमाल दुश्मन देशों के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए था वह आज सरकार देश के छात्रों पर लाठीचार्ज करवा कर तानाशाही का परिचय दे रही है। श्रीनिवासी ने कहा कि आरटीआई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि कांग्रेस ने अपने समय में शिक्षा के लिए सबसे बेहतर काम किया। शिक्षा के लिए अनेक शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करवाया लेकिन फिलहाल भाजपा कुछ पूंजीपतियों के शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए देश के सार्वजनिक संस्थानों को कमजोर करके बर्बाद करने की योजनाएं व्यापक स्तर पर चला रही है ताकि भविष्य में करोड़तियों के शिक्षण संस्थानों को फायदा हो सके। सरकार में फिलहाल नए शिक्षण संस्थानों का निर्माण करने की कार्य क्षमता तो है नहीं बल्कि बने हुए शिक्षण संस्थानों को संभालना ही मुश्किल हो रहा है।
कहाकि सरकार फिलहाल पूंजीपतियों के शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक शिक्षा ढांचे को बर्बाद कर देना चाहती है। बीजेपी ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2019 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारों पर लागू कर दिया है जो दीमक की तरह देश की शिक्षण संस्थानों को बर्बाद कर देगा। सरकार शिक्षा को एक उद्योग की तरह स्थापित करना चाहती है। जिससे आर्थिक दृष्टि से कमजोर बहुसंख्यक वर्ग शिक्षा के अधिकार से वंचित हो जाएगा। जब सरकार कुछ लुटेरों से कुछ रुपए कमीशन लेकर देश के करोड़ों रुपए लूटकर विदेश भगा सकती है राफेल विमान में करोड़ों घोटाला कर सकते हैं, बड़े-बड़े करोड़पतियों का करोड़ों रुपए का कर्ज माफ कर सकती है तो क्यों नहीं सरकार देश के गरीब मजदूर, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों से शिक्षा का अधिकार से वंचित करना चाहती है ? क्या यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है कि इन छात्रों को देश के तमाम शिक्षण संस्थानों में सस्ती शिक्षा मिल सके ? सरकार फिलहाल सत्ता के नशे में पूंजीपतियों का आर्थिक पोषण करने में लगी हुई है देश की समस्याओं पर उनका कोई ध्यान नहीं है ? वक्त आने पर जरूर देश के युवा छात्र शिक्षा विरोधी नीतियों का जवाब देंगे।