पीएम मोदी अर्थव्यवस्था पर खामोश है, लोगो को झासा देने के लिए यह मुद्दा अन्य मंत्रियो पर छोड़ रखा है – पी. चितम्बरम
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: जमानत पर 106 दिनों बाद तिहाड़ से बाहर आए 74 वर्षीय चिदंबरम ने आते ही मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर जमकर प्रहार किया है। उन्होंने आज कहा कि मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने का आदेश पारित किया। मैंने 106 दिनों के बाद आजादी की सांस ली। दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। चिदंबरम संसद गए। उन्होंने यहां चितम्बरम ने आज संवाददाताओं से कहा कि सरकार संसद में मेरी आवाज को दबा नहीं सकती है। वह प्याज की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस सांसदों के विरोध में भी शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि जीडीपी लगातार घट रही है. 8 से 7, 7 से 6.6, 6.6 से 5.8, 5.8 से 5 और 5 से गिरकर जीडीपी 4.5 पर आ गई है। ये सरकार के अच्छे दिन हैं। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली होंगे कि अगर साल के अंत तक जीडीपी 5 फीसदी को छू ले। चिदंबरम ने कहा, ”याद कीजिए डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्मय ने इस सरकार के अंतर्गत विकास दर 5 फीसदी तक हो जाने को लेकर चेताया था। लेकिन जिस तरीके से इसे दिखाया जा रहा है उसमें संदेह है। वास्तव में ये 5 फीसदी नहीं है बल्कि इसमें और 1.5 फीसदी की कमी का अनुमान है।
चिदंबरम ने कहा प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को लेकर खामोश हैं। उन्होंने इस मामले पर झांसा देने के लिए इसे अपने मंत्रियों पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अगर बीमारी की पहचान नहीं होगी तो इलाज भी गलत होगा। सही इलाज के लिए मर्ज की जानकारी होना बेहद जरूरी है। चिदंबरम ने वर्तमान सरकार और पूर्व में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के बीच तुलना करते हुए कहा कि 2004 और 2014 के बीच यूपीए ने 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। जबकि एनडीए ने 2016 तक लाखों लोगों को गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया है। उन्होंने कहाकि अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर लाया जा सकता है, लेकिन यह सरकार ऐसा करने में असमर्थ है। मेरा मानना है कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर हैं, लेकिन हमें बेहतर समय की प्रतीक्षा करनी होगी।