दिल्ली विश्वविद्यालय के एडहोक अध्यापकों की लड़ाई लड़ेंगे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद : डॉ अनिल मीणा
संजय ठाकुर
नई दिल्ली. दिल्ली विश्वविद्यालय फिलहाल देश में सुर्खियों में है वहां लंबे समय से चल रहे Ad hoc अध्यापकों को 28 अगस्त के वाइस चांसलर के लेटर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है| जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के 5000 अध्यापक अपनी नौकरी खो बैठे हैं। दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में लंबे समय से Ad hoc अध्यापकों के आंदोलन को करीब से देखा है।
उन्होंने कहा है कि हर बार उनको दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन के चुनावों के आसपास उनको नियमित करने का सपना दिखाया जाता है, उनको निराशा ही हाथ में लगती है। अध्यापक इसलिए मांग कर रहे हैं क्योंकि देश के कई विश्वविद्यालयों में नियमित होने का कार्य हो चुका है। जब देश की जगह जगह विश्वविद्यालय में यह हो चुका है तो सरकार क्यों दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ अध्यापकों को नियमित नहीं करना चाहती ?5000 से अधिक अध्यापकों को दिल्ली विश्वविद्यालय से बाहर का रास्ता दिखाने एवं बार-बार उनका मानसिक शोषण करने वाली रणनीतियों के खिलाफ अनिल मीणा ने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ सलमान खुर्शीद से मिले उन्होंने पूरी समस्या से अवगत करवाया।
उन्होंने कहा कि सलमान उनका यह केस लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। डॉ अनिल मीणा ने बताया कि यदि सरकार यदि चाहती तो वह स्वयं भी यह कार्य कर सकती थी उन्होंने मजबूर होकर भारतीय न्याय व्यवस्था के माध्यम से समस्या का समाधान निकालने का तरीका निकाला है। इस निर्णय से यदि तदर्थ अध्यापकों के समर्थन में यह फैसला आता है तो यह कई परिवारों का जीवन सुधरेगा। जिससे दिल्ली विश्वविद्यालय की गुणवत्ता में काफी सुधार आएगा