राजस्व विभाग की ख़ामोशी के बीच नेपाली नागरिको ने किया ग्रांड एक्ट की ज़मीन
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। इंडो नेपाल सीमा पर थारू ग्रामीण क्षेत्र में स्तिथ ग्रांड एक्ट की जमीन पर विदेशी नेपाली नागरिको ने कब्जा कर लिया है। उक्त विदेशी नागरिक भारत एवं नेपाल दोनो देशो की सभी सरकारी योजनायों का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। जबकि तहसील पलिया कलां में सैकड़ों ऐसे परिवार है जो गौरी फंटा मंडी उजड़ने के बाद भी अपने परिवार का भरण पोषण एवं सर छुपाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे हैं। इस अवैध कब्ज़े पर स्थानीय प्रशासन और लेखपाल तथा राजस्व विभाग की आँखे लगभग बंद है।
उल्लेखनीय है पड़ोसी मुल्क नेपाल से मित्र राष्ट्र होने के कारण कारण रोटी बेटी संबंध के चलते सीमा के दोनों तरफ थारू समुदाय के गांव है जिससे थारू समुदाय के लोग बहू बेटियों की शादी व्याह करके आदान प्रदान करते रहते हैं. इसी संबंधों का लाभ उठाते ये लोग भारतीय नागरिकता लेने के उपरांत भूमिहीन दर्शा कर जमीनों का पट्टा करा लेते हैं तथा समस्त सरकारी योजनाओं के अधिकृत हो जाते हैं बही प्रधानों एवं नेताओ के बोट बैंक में भी इजाफा हो जाता है।
जबकि उक्त गोरखधंधा थारू क्षेत्र में कई सालों से चल रहा है किंतु निजी स्वार्थ के चलते सभी ज़िम्मेदार अनभिज्ञ बने हुए हैं. इन्ही ग्रांड एक्ट की जमीन पर गरीब भूमिहीन भारतीय नागरिक परिवार का भरण पोषण करने के लिए किसी थारू से शरण मांगकर अस्थाई रूप से जीविका चलाने का प्रयास करता है, तो प्रशासन ग्रांड एक्ट की जमीन को हथियार बनाकर खदेड़ने के लिए कमर कस लेता है. जिसके चलते गरीव परिवार के मुंह का निवाला भी छीन जाता है।
इसके विपरीत पहलुओं पर गौर किया जाय तो दवंग एवं रईस लोगो के आगे ग्रांड एक्ट के नियम कानून नतमस्तक हो जाते है जो लिए कामधेनु गाय साबित होते है. जिसके परिणाम स्वरूप ग्रांड एक्ट की भूमि पर पूरे क्षेत्र में बड़े बड़े काम्प्लेक्स बने हुए है तथा मौजूदा समय निर्माण कार्य जारी है, जिसे देखने एवं रोकने के लिए किसी को सुध नहीं है. हां इतना जरूर है इसकी खानापूर्ति करने के अस्थाई रूप से जीवन यापन करने बाले भूमिहीन गरीब असहाय को खदेड़ कर फोटो खिंचवा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते है।