बेजुबान पशु पक्षियों का उपचार हमारा धर्म : डा. टी. के. तिवारी
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी. थारू जनजाति इलाके के मसान खंभ गांव में जिला पशु चिकित्सा अधिकारी की मौजूदगी में पशु चिकित्सा कैंप लगाया गया जिसमें जिले के आधा दर्जन से अधिक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ तमाम पशुधन प्रसार अधिकारियों ने अलग-अलग कैंप लगाकर 600 से अधिक जानवरों का उपचार किया एवं दर्जनों पशुओं का टीकाकरण भी किया।
इतना ही नहीं कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिला पशु चिकित्सा अधिकारी पीके तिवारी ने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पशु सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में आज भी दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बहुत पिछड़ा हुआ है। हम मूक पशुओं का दोहन करने में अवश्य आगे रहते हैं मगर स्वास्थ्य की देखभाल और चिकित्सा में पीछे हैं। यही कारण है कि दुनिया में सर्वाधिक पशु होने के बावजूद उनका पूरा फायदा नहीं उठा पाते। छोटे-छोटे देश भी दुग्ध उत्पादन में हमसे आगे है। इसका एक मात्र कारण हमारी बेजुबान पशुओं के प्रति उदासीनता है। आज जरूरत इस बात की है कि हम खुद भी जगें और दूसरों को भी जगाएं तभी मूक पशुओं का समय पर उपचार कर पाएंगे।
उनका कहना था कि अक्सर देखा जाता है कि हम अपने परिवारजनों का भी समुचित इलाज नहीं करा पाते फिर पशु तो बेचारा अपनी बीमारी और लाचारी के बारे में कुछ बोल भी नहीं सकता। यह हालत विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की है। पशु चिकित्सा कैंप में जिला पंचायत सदस्य मन्नो देवी द्वारा उद्घाटन किया गया। इस मौके पर प्रधान मसानखंभ की प्रधान कबीरा देवी देवराही के प्रधान कल्लू राम व परसिया के बीडीसी सेवाराम सहित कई ग्राम प्रधान शामिल हुए।
इस मौके पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी खीरी डा टीके तिवारी के साथ डा बी आर निगम पशु चिकित्सा अधिकारी सूडा, पशु धन प्रसार अधिकारी रमेश कुमार राना, डा अरविंद वर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी संपूर्णानगर, पशु चिकित्सा अधिकारी भीरा के डाक्टर बी के त्रिपाठी , पशु चिकित्सा अधिकारी नीमगांव के डॉ अनुज व मैलानी के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जगदेव सिंह ने पशुओं के इलाज एवं सर्जरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।