नहीं रहे मशहूर अय्यूब चाय वाले, अचानक हुवे इन्तेकाल से क्षेत्र में छाई मायूसी
तारिक आज़मी
वाराणसी. पुरे ओमकार्लेश्वर में अपनी हसी मज़ाक और किसी के भी सुख दुःख में खड़े होने के लिए मशहूर अय्यूब चाय वाले का कल देर रात ह्रदय गति रुकने से इन्तेकाल हो गया। वह 48 बरस के थे। अय्यूब मिया के इन्तेकाल की खबर से पुरे इलाके में मायूसी का माहोल कायम हो गया।
एक खुशदिल और बेबाक छवि के अय्यूब मिया को इलाके के लोग अय्यूब भाई कहकर पुकारते थे। एक चाय के होटल में सबको चाय पिलाने वाले अय्यूब मिया हर उदास चहरे को भाप जाते और उसको अपनी बातचीत से हसा ही दिया करते थे। पुरे क्षेत्र में हर एक के सुख दुःख में शामिल होने वाले अय्यूब मिया ने अपनी बच्चों की परवरिश इसी चाय की दूकान से होने वाली कमाई के ज़रिये ही किया। बेहतर परवरिश पाकर बच्चे अभी बचपन की दहलीज़ लांघने वाले ही थे कि तभी ज़ालिम मौत ने आकर उन बच्चो के सर से वालिद का साया छीन लिया।
दिल की बिमारी से जूझ रहे अय्यूब मिया का इलाज लगभग एक साल से चल रहा था। इस दौरान वह अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी के मामूल के हिसाब से होटल पर ही रहते थे। कल देर रात लगभग ११ बजे सीने में दर्द की शिकायत होने पर परिजन उनको लेकर पास ही एक निजी चिकित्सालय गए। जहा डाक्टरों ने जाँच के बाद उनको मृत घोषित कर दिया। अय्यूब मिया के इन्तेकाल की खबर आते ही पुरे इलाके में मायूसी का आलम बरपा हो गया। लोगो को एक पल को यकीन ही नहीं हो रहा था कि अभी चंद मिनट पहले उनसे हंसी मजाक से बात करने वाले अय्यूब मिया अब इस दुनिया से रुखसत हो चुके है।
आज दोपहर बाद नमाज़-ए-जोहर उनको फर्दु शहीद की कब्रिस्तान पर सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। चंद कदमो की दुरी के इस आखरी सफ़र में हज़ारो लोगो ने शिरकत किया। लोग इस आखरी सफ़र में उनको कन्धा देने को बेचैन दिखे। मय्यत देख कर लोगो की आँखे भर आ रही थी, ऐसा महसूस हो रहा था जैसे अय्यूब मिया एक गहरी नींद में सो रहे है और अभी उठ जायेगे।