2019 में 10,783 बच्च्यिों की गूंजी किलकारी, टूटा 10 साल का रिकार्ड
अब्दुल बासित मलक
यमुनानगर: “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान का सकारात्मक असर देखने को मिला है। बीते वर्ष 2019 में 10 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए जिले में 10,783 बच्चियों ने जन्म लिया है। जिले में 2019 का ङ्क्षलगानुपात 936 तक पहुंच गया है। अगर अकेले दिसम्बर-2019 कि बात करें तो 1060 बेटियों ने जन्म लिया। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों व विभाग की सख्ती का असर सामने आया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में पी.एम. नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को पानीपत से शुरू किया था। स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कन्या के जन्म पर कुआं पूजन, बच्चियों के जन्मदिन मनाना व बेटी बचाने की शपथ दिलवाना जैसे आयोजन भी करवाए गए।
इसी तरह विभाग ने कई रेड भी की जो सफल रही।
पी.एच.सी., जिनकालिंगानुपात 1000 के पार
पी.एच.सी. छछरौली, खारवन, सरस्वतीनगर का ङ्क्षलगानुपात एक हजार को पार कर गया।
इन पी.एच.सी. में काम करने की जरूरतहै
बतपुर, साबापुर, मुगलवाली का लिंगानुपात 500 से भी कम रहा। स्वास्थ्य विभाग को यहां काम करने की जरूरत है। लोगों की जागरूकता भी सहयोगी रहेगी।
गोलनी में 34 में से 20 लड़कियां
साबापुर पी.एच.सी. के गांव रतनपुरा में 31 बच्चे पैदा हुए जिसमें से मात्र 9 लड़कियां थी। सरस्वतीनगर पी.एच.सी. के गांव गोलनी में 34 बच्चे जन्मे। इनमें से 20 लड़कियां थी।
ब्रह्मदत्त शर्मा, अध्यक्ष,ओनली डॉटर पेरैंट्स एसोसिएशन ने कहा कि लिंगानुपात के आंकड़े बढऩे के 3 कारण हैं। पहला सरकार की सख्ती का असर है। दूसरा लोगों की सोच बदली है। तीसरा बेटियों ने अच्छा मुकाम हासिल किया। इस 11 जनवरी को 100 से अधिक परिवार सिटी हार्ट जगाधरी में सायं 6 से 8 बजे रात तक लड़कियों के लिए लोहड़ी पर्व आयोजित कर रहे हैं।
डा. राजेश कुमार, पी.एन.डी.टी. एवं डैथ एवं बर्थ इंचार्ज सिविल अस्पताल, यमुनानगर ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का असर सफल रहा है। स्वास्थ्य विभाग सख्त रहा और नियमित रेड की जिससे कन्या भ्रूण जांच 100 प्रतिशत तक बंद हो गई। इसके अलावा महिला जैसे ही गर्भवती हुई उसका इलाज नि:शुल्क है। बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे के टीकाकरण सहित सभी इलाज मुफ्त हैं। वहीं इस मुहिम में एन.जी.ओ. का भी साथ मिला है। जहां-जहां और जिस-जिस ने अच्छा काम किया है उन्हें सम्मानित करने पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है।