शाहीन बाग़ की तरह जल्दी बनेगा बेरोजगार बाग़ – रविश कुमार

रविश कुमार

सबको पता है कि पाँच सौ रुपये देकर रैलियाँ कौन कराता है। ऐसी रैलियों में जाने वालों को भी पता है कौन कौन कितना कितना देता है। शाहीन बाग़ के जज़्बे को महज़ पाँच सौ में समेट देने वालों ने पटना का सब्ज़ी बाग़ नहीं देखा और न ही कोटा का शाहीन बाग़। मेरी एक बात याद रखिएगा। आज इस शाहीन बाग़ को मुस्लिम महिलाओं तक समेटने की कोशिश हो रही है, जल्दी ही बहुसंख्य महिलाएँ एक दिन अपना शाहीन बाग़ बनाने वाली हैं।

अच्छी बात है कि लोग अपने मोहल्लों में कोई बाग़ खोज रहे हैं। सरकार और मीडिया से लड़ते लड़ते एक दिन बेरोज़गारों की फ़ौज भी अपना बाग़ बनाएगी। बेरोज़गार बाग़। तब मीडिया को जाना होगा। बेरोज़गारी के सवाल को कवर करना होगा।

बहरहाल कल मुंबई में एक सभा हुई। YMCA ground, आग्रीपाड़ा में । शाम छह बजे से लेकर रात दस बजे तक। कोई यहाँ भी पाँच सौ का कमाल ढूँढ लाए। वैसे इस सभा नागरिकता संशोधन क़ानून और रजिस्टर पर सरकार का साथ देने वाले शाही इमाम को शाही पनीर कहा गया।

इस लेख के लेखक मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानिर पत्रकार रविश कुमार है और लेख मूल रूप से रविश कुमार के फेसबुक पेज पर प्रकाशित है

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति PNN24 न्यूज़ उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार PNN24 न्यूज़ के नहीं हैं, तथा PNN24 न्यूज़ उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

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