चोटिल पक्षी की जान बचाकर मानवता की मिशाल पेश की
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। चन्द्रशेखर उर्फ रिंकू निवासी ग्राम सोहरिया जब अपनी बाइक से ढखेरवा जा रहे थे, रास्ते में नहर के किनारे लगे पेड़ पौधों के पास सड़क की तरफ ठंढ से ठिठुरता हुआ, उल्लू पक्षी, जो हल्का चोटिल लग रहा था, मिला। सामान्य प्रजाति के ठंड से सिकुड़ते इस ब्राउन उल्लू को देखकर चन्द्रशेखर से रहा नही गया, और पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर उसका ईलाज कराया, तथा हल्की धूप दिखाने पर जब ऐसा लगा कि पक्षी को आराम मिल गया है, तो उसे उसके प्राकृतिक वास स्थल में घने पेड़ों के बीच में जहां थोड़ा अंधेरा था छोड़ दिया।
यदि सारे लोग ऐसे ही पशु पक्षियों के प्रति सेवाभाग के लिए जागरुक हो जाएं तो निश्चित ही अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे पशु पक्षियों का भी जीवन बचा रहेगा, और आगे आने वाली हमारी पीढ़ियों को भी पशु पक्षियों के दीदार होते रहेंगे।