एनआरसी एनपीआर एक्ट सिर्फ मुस्लिम नहीं दलितों पिछड़ो आदिवासीयो किसानों और मज़दूरों का विरोधी है – मंसूर अली पार्क की प्रदर्शनकारी महिलाये
तारिक खान
प्रयागराज..मंसूर अली पार्क में चल रहे धरने के पच्चीसवें दिन भी कई नामी शख्सियतों ने पहोँच कर प्रदर्शनकारी महिलाओं को सम्बोधित किया।रिहाई मंच ,सांझी दूनिया के लोगों के साथ इलाहाबाद विश्वविद्धालय के प्रोफेसर सहित तमाम लोगों ने एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ आवाज़ बुलन्द की।
सांझी दछनिया की टीम के साथ पहोँची रुप रेखा वर्मा ने एनपीआर एनआरसी और सीएए जैसे क़ानून बनाने वाली केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए इस काले क़ानून को सिर्फ मुसलिमों के लिए विरोधी नहीं बताया बल्कि
उन्होने कहा की इस ऐक्ट के बनने से दलितों, पिछड़ों,आदिवासीयों किसानों व मज़दूर तबक़े के लोगों को सबसे ज़्यादा परेशानी होगी।वहीं अन्य वक्ताओं ने केन्द्र सरकार से हठधर्मी छोड़ कर इस पर साफ बयान देने और भ्रमित करने वाले बयान से बाज़ आने की नसीहत दी।धरना स्थल पर देर रात तक शायरों द्वारा शेरो शायरी के साथ मुशायरा भी चलता रहा।
रिहाई मंच के राजीव यादव ने भी काले क़ानछन की वापसी तक संघर्ष जारी रखने की बात कही।कहा यह क़ानून समाज की धर्मनिर्पेक्ष विरासत और भारतीय संविधान के विरुद्ध है।वहीं धरने के पच्चीसवें दिन भी अटाला,रसूलपुर,रानीमण्डी,दायरा शाह अजमल,करैली,अकबरपुर,गढी सराँय,चकिया,हटिया आदि मुहल्लों से महिलाओं ने हाँथों में तिरंगा और काले क़ानून के खिलाफ लिखे स्लोगन के बैनर व पोस्टर लेकर जुलूस के साथ रौशनबाग़ के मंसूर अली पार्क पहोँच कर विरोध दर्ज कराया।