अखिलेश के निशाने पर योगी सरकार, कहा – बच्चों की लाशे छिपाकर दुसरे दरवाजे से बाहर भेजा

(जावेद अंसारी) 
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई 33 ब्च्चो की मौत पर यूपी सरकार पर तरह तरह के आरोप लगने का दोर शुरू हो चुका है। यूपी सरकार अतरे कोतरे सपा पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पुर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आखिर यूपी सरकार पर भड़ास निकालने का मोका मिल ही गया। तो भला अखिलेश यादव ऐसे मोके पर तीर छोड़ने में केसे चुप हो सकते है आख़िरकार अखिलेश ने यूपी सरकार निशाने पर ले रखा है। अखिलेश का तीर सीधा यूपी सरकार से गोरखपुर की घटना पर राजनीति करने के सत्ता पक्ष के आरोप को दुखद बताते हुवे यूपी सरकार से 20 लाख एवं 50 लाख के मुआवजे से शुरूआत किया।

 

क्या कहा अखिलेश यादव ने
अखिलेश यादव ने कहा है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में सरकार की लापरवाही से बच्चों की जान गई है। सरकार ने मौत के आंकड़े ही नहीं, घटना को छिपाने की भी कोशिश की। उन्होंने सवाल उठाया कि 9 अगस्त को गोरखपुर में मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में आक्सीजन की कमी का मामला क्यों सामने नहीं आया। सपा के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से मुखातिब अखिलेश यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की अगुवाई में गोरखपुर भेजी गई सपा की जांच टीम अपनी रिपोर्ट पार्टी और सरकार दोनों को देगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वीकार ही नहीं किया कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई हैं। जबकि, हकीकत यह है कि आक्सीजन की कमी से बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत हुई है।
बच्चो की लाश को छिपाकर, दूसरे दरवाजों से अस्पताल से बाहर भेजा गया। बच्चों के भर्ती होने की जानकारी भी सामने नहीं आएगी क्योंकि एडमिशन कार्डों में हेराफेरी कर दी गई है।आक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को भुगतान नहीं हुआ था। कंपनी ने लिखकर दिया था कि पैसा न मिलने पर सिलेंडर की आपूर्ति नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रचलित बीमारी (कमीशन) के चलते कंपनी को भुगतान में देरी की गई। सपा अध्यक्ष ने कहा कि सीएम ने 9 अगस्त को गोरखपुर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की थी। वह अस्पताल में मास्क लगाकर घूमे। इस बैठक में संबंधित अधिकारियों ने आक्सीजन की कमी की जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी, यह भी धोखाधड़ी है।
उन्होंने कहा कि हमें सरकार में रहते हुए 200 बेड का वार्ड बनवाया था। साथ ही हमारी समाजवादी सरकार में ही 500 बेड की अलग विंग भी बनायी गयी थी। सरकार चाहती तो इसके लिए उपकरण, स्टाफ का इंतजाम करती जिससे कोई समस्या नहीं होती। अब अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर बड़ा बयान दिया है। अखिलेश ने ट्वीट में कहा कि राजनीतिक दुर्भावना की भी सीमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में हेल्थ इनफार्मेशन सिस्टम का भुगतान रोक कर सरकार क्या साबित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारी हर घटना में पीड़ितों की मदद करती थी। गरीबों की उम्मीद सरकार से रहती है। सरकार को आक्सीजन की कमी से मरने वालों को 20-20 रुपये की मदद करनी चाहिए। जिन शिक्षा मित्रों की मौत हुई है, उनके परिवारों को 50-50 लाख की मदद की जाए।
वही दूसरी ओर बनारस में कांग्रेस नेता हाजी ओकाश अंसारी PNN24 से कहा की गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में की दर्दनाक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु भी थे। हॉस्पिटल में होने वाली कुल मौतें 32 हैं। मौतों की वजह आधिकारिक तौर पर भले ही नहीं बताई जा रही हो लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी ही कारण है। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज स्थित नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती 33 बच्चों की मौत के मामले पर विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल आज मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मेडिकल कालेज पहुंच गये हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों में सपा, बसपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं। प्रदर्शनकारी उक्त घटना में सम्मिलित चिकित्सक, प्रधानाचार्य और अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज करके इन सबकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वे मृतक बच्चों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं। कुल मिलाकर अब देखना ये है की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस दुखद की घड़ी में परिजनों को मुआवजा देते है या फिर इस दर्दनाक मोत के उत्तर देने में कोई नई राजनीति की कहानी बनाते है।

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