आतंकवाद की जड़ है वहाबी विचारधारा-मौलाना कल्बे जव्वाद।

भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना सय्यद कल्बे जावद नक़वी ने कहा है कि देश में उन वह्हाबी मुफ़्तियों और धर्मगुरूओं की गहन जांच होनी चाहिए जिन्होंने अब से पहले तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश के समर्थन की घोषणा की थी। गुरूवार को भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित दरगाह शाहे मरदान में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए इमामे जुमा लखनऊ और मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि पूरे विश्व में इस समय जो आतंकवाद फैला है उसका मुख्य कारण वह्हाबी दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब से आने वाले इमामे काबा ने भी दाइश का समर्थन किया है, लेकिन भारत सरकार ऐसे लोगों को सरकारी अतिथि का सम्मान देती है।
मौलाना कल्बे जवाद ने केंद्र सरकार से प्रश्न किया कि जब पांच वर्ष पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने वह्हाबी प्रचारक ज़ाकिर नाइक के लखनऊ आगमन पर, शिया-सुन्नी मुसलमानों के विरोध के कारण प्रतिबंध लगा दिया था, तो उस समय क्यों केंद्र में सत्ता में बैठी सरकार ने ज़ाकिर नाइक की देशभर में हो रही जनसभाओं  पर प्रतिबंध नहीं लगाया था? मौलाना ने कहा कि अभी भी वक़्त है कि समय रहते वह्हाबी विचारधारा को देशभर में वृस्तित होने से रोका जाए और ऐसे तमाम लोगों को चिन्हित करके उन पर कार्यवाही की जाए ताकि देश के युवा, तकफ़ीरी विचारधारा से प्रभावित होकर दाइश जैसे आतंकी गुटों में शामिल न होने पाएं।
उन्होंने कहा कि हम हर तरह के आतंकवाद और आतंकवाद समर्थित विचारधारा के विरोधी हैं जो पूरी मानवता के लिए ख़तरा है। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा देश में भाईचारे का माहौल बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि हर प्रकार की कट्टरपंथी और चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ने से पहले ही रोक दिया जाए। दिल्ली के शाहेमरदां दरगाह के प्रांगण में आयोजित इस प्रेसवार्ता में अंजुमनें हैदरी के महासचिव बहादुर अब्बास नक़वी और प्रख्यात अधिवक्ता महमूद पराचा ने भी पत्रकारों के सवालो का जवाब दिया।

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