अदालत ने वैभव शर्मा को जेल से रिहा करने का दिया आदेश।

★नाटकीय अंदाज में पुलिस ने अदालत में अर्जी देकर धारा 386 को किया खत्म 
गाजियाबाद। मुरादनगर पुलिस द्वारा  फर्जी  मामले में जेल भेजे गये पत्रकार वैभव शर्मा को आज अदालत ने जमानत पर  रिहा करने का आदेश दे दिया । इस मामले में अपने आप को घिरता देख वीरवार को पुलिस ने नाटकीय अंदाज में अदालत को यह लिखकर दे दिया कि आईपीसी की जिस धारा 386 के तहत वैभव शर्मा को गिरफतार किया गया था, वह गलत थी।

आपको बता दे कि जब कोई व्यक्ति किसी को गम्भीर चोट या डर दिखा कर रंगदारी वसूलने का काम करता है ,तो ऐसे मामले में आईपीसी की धारा 386 एप्लीकेबल होती है । अभियोजन पक्ष इस धारा की प्रासंगिकता को अदालत के समक्ष साबित नहीं कर सका । गलत धारा लगाने और बार -बार अदालती आदेश के बावजूद अदालत मे विवेचक के पेश ने होने के चलते अपर मुख्य न्यायाधीश मौसमी मधेसिया ने मुरादनगर थाना के प्रभारी निरीक्षक सुबोध सक्सैना को अदालत में तलब कर फटकार भी लगायी , इस गलती के लिए सकसैना ने अदालत के समक्ष क्षमा भी मांगी । अब केवल धारा 384 और 427 के तहत ही अदालत में वाद चलेगा । वैभव के अधिवक्ता विनोद भारद्वाज ने बताया कि इन दोनो धाराओं को भी रदद करने के लिए उन्होने उपरी अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है । आपको बता दें कि  गौर तलब है कि गाजियाबाद के सीएमओ अजेय अग्रवाल को यह जानकारी मिली थी कि मुरादनगर के  मंगलम अस्पताल में गर्भ में पल रहे भु्रण के लिंग की जांच करने का गैर कानूनी ढंग से कार्य हो रहा है । इस मामले में मंगलम अस्पताल को सील करने के लिए पिछले दिनों सीएमओं पत्रकारों के एक दल के साथ जैसे ही वहां पहंुचे तो अस्पताल के मालिक डीसी कंसल ने अपने व्यापार मंडल के कुछ साथियों व भाजपा कार्य कर्ताओं की भीड को विरोध करने के लिए बुला लिया। हालांकि इसी दौरान सीएमओ ने अस्पताल में रखी अल्ट्रासाउन्ड व अन्य मशीनो को सीलकर अस्पताल मालिक के खिलाफ नोटिस चस्पा कर दिया। इसी बीच अस्पताल के मालिक डा0 डीसी कंसल और उनके साथियों ने इस पूरे प्रकरण को कवरेज कर रहे पत्रकारोेेेेेेेेेें व सीएमओ पर हमला बोल दिया। सीएमओ व कुछ पत्रकार किसी तरह उग्र भीड से बच निकले ।लेकिन भीड ने वैभवशर्मा को दबोचा और पीट.पीट कर अधमरा कर दिया।  उससे कैमरा और आईडी आदि भी छीन ली गयी। मजे की बात यह है कि अस्पताल ने अपनी चमडी बचाने के लिए उल्टे पत्रकार पर रंगदारी वसूलने का मामला मुरादनगर थाना में दर्ज कराकर वैभव को पुलिस के हवाले कर दिया था। उधर मंगलम अस्पताल के मालिक डीसी कंसल के खिलाफ दर्ज लूट के मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। डीसी कंसल की अभी तक गिरफतारी नही हो पायी है। इस मामले में वैभव के अधिवक्ता विनोद भारद्वाज ने अदालत में अर्जी देकर पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब करने की मांग की है।

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