दुधवा के जंगलों में गस्त के दौरान गैंडे का शव मिलने से हड़कम्प
फ़ारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी÷दुधवा टाइगर रिजर्व की दक्षिण सोनारीपुर रेंज में स्थापित प्रथम गैण्डा पुनर्वास केन्द्र में एक गैण्डा शिशु का बाघ द्वारा खाया हुआ शव मिलने से हड़कम्प मच गया । दक्षिण सोनारीपुर रेंज के सलूकापुर स्थित प्रथम गैण्डा परियोजना के अन्र्तगत स्टाफ प्रातःकालीन गश्त पर था। गश्त के दौरान ककरहा बीट के कक्ष संख्या-5 में स्टाफ को एक किसी परभक्षी/बाघ द्वारा खाया हुआ शव बरामद हुआ, जिसका अधिकांश भाग परभक्षी/बाघ द्वारा खा लिया गया है। सूचना पाकर मनोज कुमार सोनकर उपनिदेशक, शशिकांत अमरेश, उपप्रभागीय वनाधिकारी बेलरायां डाॅ दयाशंकर पशुचिकित्सक द्वारा मौके का निरीक्षण किया तो पाया वास्तव में गैण्डा शिशु को बाघ द्वारा ही मारकर खाया गया है, जिसका अधिंकाश भाग परभक्षी द्वारा खा लिया गया है। गहनता से निरीक्षण करने पर गैण्डा शिशु का सींग मौका-ए-वारदात बरामद हुआ है। बरामद शव का शवविच्छेन हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी लखीमपुर-खीरी से दूरभाष पर वार्ता कर उपनिदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी द्वारा चार सदस्यीय पशुचिकित्सकों का पैनल गठित किया गया, जिसमें डाॅ जे0वी0 सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पलिया, डाॅ0 अरविन्द कुमार, पशु चिकित्साधिकारी, सम्पूर्णानगर, डाॅ0 बाबू निगम, पशु चिकित्साधिकारी सूंड़ा, डाॅ0 दयाशंकर पशु चिकित्साधिकारी, दुधवा सम्मिलित रहे। मृत गैण्डा का शव विच्छेदन पैनल के पशु चिकित्सकों द्वारा किया गया। पशु चिकित्सकांे के पैनल द्वारा उपलब्ध कराई गई प्राथमिक जाॅच में गैण्डा शिशु को मांसाहारी वन्य जीव द्वारा मारकर खाया गया बताया गया है। विस्तृत रिपोर्ट हेतु विसरा सैम्पल एकत्र कर लिया गया है, जिसे परीक्षण हेतु भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, उ0प्र0 भेजा जाएगा।