सीएम योगी का निर्देश- अब उत्तर प्रदेश में जो जहां है वहीं रहेगा, बाहर से आने वालों को प्रवेश नहीं
तारिक खान
लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त फैसला लिया है। अब उत्तर प्रदेश में एक मार्च के बाद से आए हर नागरिक की जांच होगी। इनके ऊपर संक्रमण का जरा भी शक होगा तो इनको क्वारंटाइन किया जाएगा।
सरकार ने अब जो जहां है उनको वहीं रोकने को कहा है। अब 14 दिन बाद ही गांव घर जा पाएंगे। मुख्य सचिव ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। अब गृह जिले में लौटने वालों को वहीं क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके साथ ही अब किसी को भी 14 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जो लोग केरल में रह रहे हैं या देश के किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं वे लोग लॉक डाउन की इस कार्यवाही का पूर्णतः पालन करें। उत्तर प्रदेश के जो भी निवासी जहां पर हैं वह वहां पर प्रदेश सरकार के नोडल अधिकारी के सम्पर्क में रहें। उनको हर प्रकार की मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश सारा खर्च वहन भी करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक करने के साथ लखनऊ में स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लखनऊ-आगरा एकसप्रेस-वे के साथ लखनऊ-प्रयागराज रोड के टोल प्लाजा पर काफी भीड़ देखी। भीड़ को देखकर उन्होंने तत्काल ही किसी भी राज्य से प्रदेश के लोगों के अब प्रवेश पर रोक लगा दी है।
यह रोक लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी। इसके साथ ही प्रदेश में एक मार्च के बाद से आए हर नागरिक की निगरानी और हेल्थ जांच करने का निर्देश दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरा भी शक हो तो क्वारंटाइन करें, लोगों को 14 दिनों का हेल्थ प्रोटोकॉल पालन कराएं। लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मोहान रोड और अवध चौराहे पहुंच कर रास्ते में फंसे लोगों का हाल जाना। इसके बाद टोल प्लाजा के पास व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाहर से आए लोगों का हेल्थ चेकअप हो और बीमार लोगों को भर्ती कराया जाए और सबको 14 दिन क्वरंटाइन करें।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में जो भी आ गए हैं, या पहले से रह रहे हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी हमारी, उन्हें भोजन, शुद्ध पानी, दवा देंगे, उनके कारण बाकी लोगों के स्वास्थ्य का कोई खतरा भी नहीं पैदा होने देंगे। वो अपने राज्य में नहीं जाना चाहते तो भी कोई बात नहीं, सबकी हिफाजत करना मेरी जिम्मेदारी है। जो बाहरी राज्यों के कामगार हैं, अधिकारी उनकी दैनिक जरूरतों और आर्थिक जरूरतों की चिंता करें। जिससे सो अपने-अपने राज्यों के लिए पलायन ना करें, जो चुनौती हमारे राज्य पर आई है, पलायन के चलते हम नहीं चाहते कि बाकी राज्यों के सामने यह चुनौती आए।