लॉक डाउन का उलंघन कर पढ़ रहे थे मस्जिद में नमाज़, पहुची पुलिस तो हुआ कुछ इस तरह का हाल
अहमद शेख/ फुल मुहम्मद
रतलाम: पुरे देश में ही लॉक डाउन है। सभी धर्म स्थलों पर ताला बंद है। ये कोरोना संकट ऐसा है कि सिर्फ एक शहर अथवा गाव ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ही थम सी गई है। लेकिन कुछ लोग जो अपनी अक्ल के पीछे लाठी लेकर दौड़ते है को अभी भी कोरोना संकट की गंभीरता समझ नही आ रही है। उनको लगता है कि लॉक डाउन अथवा सभी धार्मिक स्थलों पर बंद हुआ ताला उनके नैतिक अधिकारों का हनन है। जबकि ऐसा कुछ भी नही है। इस महामारी से बचाव के लिए प्रशासन अपनी जान जोखिम में डाल कर आज जनता की सुरक्षा हेतु सतत प्रयत्नशील है।
इसी तरह की एक घटना मध्य प्रदेश में कल शुक्रवार को सामने आई। शुक्रवार को रतलाम के उंकाला रोड स्थित एक मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा करते कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। उंकाला रोड पर सुदामा परिसर के सामने स्थित मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा किए जाने की सूचना प्रशासन को मिली थी।
सूचना के आधार पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का दल मौके पर पंहुचा। मस्जिद में कई लोग नमाज अदा कर रहे थे। पुलिस को देखकर कई नमाजी मौके से भाग गए, और कुछ को पुलिस पीटते हुए अपने साथ ले गई। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, फिलहाल 6 लोगों को सैलाना जेल भेज दिया गया है।
पिछले हफ्ते भी कोरोना वायरस की महामारी के बीच मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 38 किमी दूर एक गांव में लॉकडाउन की अवहेलना कर सामूहिक तौर पर मस्जिद में नमाज अदा करने के आरोप में पुलिस ने एक समुदाय के 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस निरीक्षक मुकेश द्विवेदी ने बताया था कि जिले के चौरई तहसील के खैरीखुर्द गांव में एक मस्जिद में गांव के सरपंच सहित 40 लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर सामूहिक तौर पर नमाज अदा करते हुए मिले थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस को लॉकडाउन का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर लोगों के इकठ्ठा होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस के गश्ती दल द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 (पांच या अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध), भादंवि की धारा 188 (सरकारी सेवक के कानूनी आदेश की अवहेलना), धारा 269 (उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकट पूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभाव्य हो) के तहत मामला दर्ज किया गया था।